Gold Rate: सोना होगा सस्ता या फिर लगाएगा 1 लाख से पार की छलांग, जानें गोल्ड का भविष्य
punjabkesari.in Saturday, Jun 28, 2025 - 06:59 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पिछले दो सालों में सोने ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। अक्टूबर 2022 में सोने की कीमत 1630 डॉलर प्रति औंस थी, जो अब 3260 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई- यानी लगभग 100% का मुनाफा सिर्फ 28 महीनों में। लेकिन अब सोने की तेजी रुकती सी दिख रही है, क्योंकि हाल के हफ्तों में इसकी कीमतों में गिरावट आई है।
सोना इतना महंगा क्यों हुआ था?
रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका की आर्थिक मंदी की आशंका, मध्य-पूर्व में तनाव, और दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों द्वारा भारी खरीदारी। इन सब वजहों से लोग सोने को सुरक्षित निवेश मानकर खरीदने लगे, जिससे इसकी मांग और कीमत दोनों बढ़ गईं।
अब गिरावट क्यों आ रही है?
- अमेरिका में आर्थिक हालात थोड़े स्थिर हुए हैं।
- इजरायल-ईरान विवाद जल्दी खत्म हो गया।
- निवेशक मुनाफा कमा कर बाहर निकलने लगे हैं।
भारत में अप्रैल 2025 में जब सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम पहुंचा, तब से इसमें लगभग 4% की गिरावट हो चुकी है और अब यह ₹96,180 के आसपास है।
क्या यह गिरावट अस्थायी है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह अस्थायी गिरावट हो सकती है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, 43% सेंट्रल बैंक अगले एक साल में और सोना खरीदने की सोच रहे हैं। यानी मांग फिर बढ़ सकती है।
ब्याज दर घटेगी तो सोना फिर चमकेगा?
जब ब्याज दरें घटती हैं, तो लोग ब्याज न देने वाली चीजों, जैसे सोने, में निवेश करते हैं।
- अमेरिका में सितंबर 2025 से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है।
- 2026 तक कुल 200-300 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है।
- इससे सोने की कीमत दोबारा बढ़ सकती है।
डॉलर कमजोर हुआ, सोना मजबूत हुआ
- डॉलर इंडेक्स 100 से नीचे आ चुका है।
- जब डॉलर कमजोर होता है, तो निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं।
- बैंक ऑफ अमेरिका का अनुमान है कि 2026 तक सोना 4000 डॉलर प्रति औंस पहुंच सकता है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
- अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं, तो यह धीरे-धीरे सोना खरीदने का अच्छा मौका हो सकता है।
- लेकिन ध्यान रखें, अभी सोना उच्च स्तर पर है, इसलिए गिरावट का खतरा भी है।
- सलाह है कि अपने पोर्टफोलियो का सिर्फ 5%–10% ही सोने में लगाएं।
सोने की चमक अभी बाकी है
- दुनिया में जब तक अस्थिरता और तनाव बना रहेगा, सोना सुरक्षित निवेश बना रहेगा।
- हालांकि इसकी तेज़ी थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन यह अभी भी निवेशकों के लिए भरोसे का विकल्प है।
- समझदारी से और धीरे-धीरे निवेश करें, यही सही रणनीति है।