Gold Rate: सोना-चांदी के दामों में अचानक तेज गिरावट, क्या अभी और सस्ता होगा? 4 एक्सपर्ट्स ने दी अपनी राय
punjabkesari.in Tuesday, Oct 28, 2025 - 06:51 PM (IST)
नेशनल डेस्कः पिछले कुछ हफ्तों तक रिकॉर्ड तोड़ ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद अब सोना और चांदी की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिल रही है। दो महीनों की जोरदार तेजी के बाद अचानक आई इस कमजोरी ने बाजार और निवेशकों दोनों को चौंका दिया है। जहां सोना अपने लाइफ टाइम हाई से करीब ₹11,600 तक सस्ता हो गया है, वहीं चांदी में भी ₹27,800 प्रति किलो तक की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या ये गिरावट खरीदारी का सुनहरा मौका है या फिर कीमतों में और गिरावट आ सकती है? इस पर 4 मार्केट एक्सपर्ट्स ने अपनी राय दी है
हाई लेवल से लुढ़के सोना-चांदी
पिछले दो महीनों की जोरदार तेजी के बाद अब सोना-चांदी की कीमतों में तेज मुनाफावसूली देखने को मिली है। पिछले सोमवार से इस सोमवार तक सोना ₹1,30,624 से गिरकर ₹1,21,043 प्रति 10 ग्राम पर आ गया। वहीं, चांदी अपने हाई से लगभग ₹21,000 प्रति किलो तक टूट चुकी है। लाइफ टाइम हाई से अब तक सोना करीब ₹11,600 सस्ता हुआ है, जबकि चांदी ₹27,800 प्रति किलो तक नीचे आ गई है। एमसीएक्स पर भी सोना ₹1,27,633 से घटकर ₹1,21,077 प्रति 10 ग्राम और चांदी ₹1,63,050 से घटकर ₹1,45,031 प्रति किलो रह गई है।
पहले एक्सपर्ट की राय
एक्सिस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट (कमोडिटीज) देवेया गगलानी का कहना है कि कॉमेक्स गोल्ड ने नौ सप्ताह की लगातार तेजी के बाद पिछले सप्ताह गिरावट दर्ज की। साउथ कोरिया में होने वाली ट्रंप-जिनपिंग मीट से पहले मुनाफावसूली के चलते गोल्ड 3% से ज्यादा टूटा।
गगलानी के अनुसार, अमेरिका-चीन ट्रेड टेंशन कम होने की उम्मीद से सुरक्षित निवेश (सेफ हेवन) की डिमांड घटी है। वहीं, फेडरल रिजर्व, ईसीबी और बैंक ऑफ जापान की नीतिगत दरों पर बाजार की नजर है।
उन्होंने बताया कि घरेलू बाजार में सोने को ₹1,17,000 प्रति 10 ग्राम पर मजबूत सपोर्ट और ₹1,24,000 पर रेजिस्टेंस मिल रहा है। यानी निकट भविष्य में कीमतें सीमित दायरे में रह सकती हैं।
गगलानी ने सलाह दी कि निवेशक अभी जल्दबाजी न करें और स्थिति पर नजर रखें।
दूसरे एक्सपर्ट की राय
दर्शन देसाई का कहना है कि संभावित US-China समझौते और मजबूत अमेरिकी डॉलर के चलते सेफ इन्वेस्टमेंट की डिमांड घटी है, जिससे सोने-चांदी के भाव पर दबाव बढ़ा।
उन्होंने कहा कि यह सप्ताह बाजार के लिए अहम रहेगा क्योंकि ट्रंप-जिनपिंग मीटिंग, अमेरिकी फेड की पॉलिसी और प्रमुख आईटी कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट्स आने वाली हैं।
देसाई के मुताबिक, निवेशकों को उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना चाहिए। अगर फेड उम्मीद से कम ब्याज दरों में कटौती का संकेत देता है, तो सोने में और गिरावट आ सकती है।
तीसरे एक्सपर्ट की राय
राहुल कलंत्री ने कहा कि वैश्विक निवेशक सुरक्षित संपत्तियों से पैसा निकालकर जोखिम भरी संपत्तियों (जैसे शेयर) में निवेश कर रहे हैं। इससे सोने और चांदी की मांग घटी है।
उन्होंने बताया कि डॉलर के मजबूत होने से विदेशी खरीदारों के लिए कीमती धातुएं महंगी हो गई हैं। यदि डॉलर और मजबूत हुआ तथा वैश्विक संकेत स्थिर रहे, तो धातुओं को ऊपर जाने में कड़ी रुकावट का सामना करना पड़ सकता है।
चौथे एक्सपर्ट की राय
अक्षा कंबोज का मानना है कि सोने-चांदी की यह गिरावट एक स्वाभाविक सुधार (Healthy Correction) है। पिछले दो महीनों में लगातार तेजी के बाद यह पहली बार साप्ताहिक गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि US-China तनाव में नरमी, ईटीएफ से निकासी और मुनाफावसूली इसके प्रमुख कारण हैं।
कंबोज के अनुसार, गिरावट सीमित रह सकती है, लेकिन आने वाला सप्ताह निर्णायक होगा। उन्होंने सलाह दी कि खरीदारी से पहले ट्रंप-जिनपिंग मीटिंग के नतीजों का इंतजार करना समझदारी होगी।
