Gold Price 2025: साल के अंत तक कहां पहुंचेगा सोना? रिपोर्ट ने उड़ा दिए होश!
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 07:39 AM (IST)

नेशनल डेस्क: पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। जैसे-जैसे वैश्विक बाज़ारों में अनिश्चितता बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं – और इस दौड़ में सबसे आगे है सोना। अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध, वैश्विक आर्थिक सुस्ती और अमेरिकी नीतियों में उठापटक के चलते सोना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया के कई देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से सोने की कीमतें चढ़ती चली गईं। भले ही ट्रंप ने बाद में कुछ टैरिफ फैसलों को 90 दिनों के लिए टाल दिया हो, लेकिन बाजार की भावनाओं पर इसका असर पड़ा और सोने की तेजी जारी रही।
इस शुक्रवार को घरेलू वायदा बाजार MCX पर सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया। दिल्ली में 22 कैरेट सोना ₹85,760 प्रति 10 ग्राम और 24 कैरेट सोना ₹93,540 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया।
क्यों बढ़ रही है कीमत?
सोना हमेशा से अस्थिर बाजार में एक भरोसेमंद निवेश रहा है। जब शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव होता है, तब निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं। हाल के दिनों में वैश्विक मंदी की आहट, डॉलर में कमजोरी, और केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की भारी खरीदारी ने इसकी मांग को और बढ़ा दिया है।
क्या सोने की रफ्तार जारी रहेगी?
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सोना ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है? विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि अगर मौजूदा हालात बने रहते हैं और नई वैश्विक चुनौतियां सामने आती हैं, तो यह आंकड़ा पार करना असंभव नहीं है। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों का कहना है कि मौजूदा तेजी बाजार के सभी पॉजिटिव फैक्टर्स को पहले ही शामिल कर चुकी है, इसलिए यहां से बड़ी गिरावट भी आ सकती है – करीब 30-40% तक।
क्या निवेशकों को सतर्क हो जाना चाहिए?
हालांकि लंबी अवधि में सोना अब भी एक भरोसेमंद निवेश माना जा रहा है, लेकिन नई खरीदारी से पहले बाजार के ट्रेंड और वैश्विक घटनाओं पर नजर रखना जरूरी है। जो निवेशक पहले से इसमें हैं, वे लाभ लेकर बाहर निकलने की योजना बना सकते हैं, जबकि नए निवेशकों को थोड़ा इंतजार करना बेहतर हो सकता है।