''तीसरे बच्चे के लिए महिला कर्मचारी को एक साल की मैटरनिटी छुट्टी दें'': मद्रास HC का तमिलनाडु सरकार को निर्देश

punjabkesari.in Friday, Mar 25, 2022 - 05:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि पहली शादी से पैदा दो बच्चों को ‘जीवित'' अवयस्क नहीं करार दिया जा सकता क्योंकि वे अलग हो चुके पहले पति के साथ रहते हैं। इसके साथ ही अदालत ने तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया कि वह महिला कर्मचारी को दूसरी शादी से होने वाले तीसरे बच्चे के लिए एक साल का मातृत्व अवकाश प्रदान करे।

न्यायमूर्ति वी पार्थीबन ने यह फैसला के उमादेवी की रिट याचिका पर सुनाया। उमा देवी ने 28 अगस्त 2021 को धर्मपुरी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी का आदेश रद्द करने और संबंधित अधिकारियों को 11 अक्टूबर 2021 से 10 अक्टूबर 2022 तक पूर्ण वेतन और सभी लाभ के साथ मातृत्व अवकाश देने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। उमादेवी ने वर्ष 2006 में ए सुरेश से पहली शादी की थी और उनके दो बच्चे हुए लेकिन वर्ष 2017 में उनका सुरेश से तलाक हो गया।

उन्होंने अगले साल एम राजकुमार से दूसरी शादी की और बाद में मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया लेकिन 28 अगस्त 2021 को धर्मपुरी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने उनके आवेदन को इस आधार पर खारिज कर दिया कि मातृत्व अवकाश का लाभ केवल दो जीवित संतानों के लिए दिया जा सकता है और दोबारा शादी करने पर तीसरे संतान के लिए मातृत्व अवकाश का कोई प्रावधान नहीं है। उमा देवी की याचिका स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति पर्थीबन ने 20 जुलाई 2018 के सरकारी आदेश को रेखांकित किया जिसमें पहली बार जुड़वा बच्चे होने पर भी दूसरी बार प्रसूति लाभ का विस्तार किया गया है। 


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Content Editor

rajesh kumar

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