Health Alert: सोशल मीडिया की ज्यादा इस्तेंमाल से लड़कियों को हो रही ये गंभीर बीमारी
punjabkesari.in Friday, Mar 28, 2025 - 01:09 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया युवाओं की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है। हालांकि, इसका अत्यधिक उपयोग किशोरियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में हुई एक रिसर्च में यह सामने आया है कि सोशल मीडिया की लत के कारण किशोरियों में मासिक धर्म की अनियमितता बढ़ रही है।
शारीरिक गतिविधियों की कमी और तनाव बन रहे हैं बड़ी समस्या
बरेली के महिला अस्पताल स्थित मॉडल साथिया केंद्र में जनवरी और फरवरी 2024 के बीच 394 किशोरियों की काउंसिलिंग की गई। इसमें यह खुलासा हुआ कि अधिकांश किशोरियां मासिक धर्म की अनियमितता से जूझ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह शारीरिक गतिविधियों की कमी, सोशल मीडिया का अत्यधिक उपयोग, तनाव और असंतुलित खानपान है।
10-12 साल की उम्र में मासिक धर्म शुरू होने के मामले बढ़े
मॉडल साथिया केंद्र की काउंसलर अल्पना सक्सेना के अनुसार, हर महीने 10-15 ऐसे नए मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें 10-12 साल की किशोरियों को मासिक धर्म शुरू हो रहा है। यह उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। समय पर सही खानपान और उचित देखभाल न मिलने से किशोरियों को एनीमिया जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
2024-25 में ऐसे बढ़े मामले
पिछले एक साल में किशोरियों की काउंसिलिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं:
महीना | मामलों की संख्या |
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अप्रैल | 297 |
मई | 322 |
जून | 308 |
जुलाई | 253 |
अगस्त | 202 |
सितंबर | 265 |
अक्टूबर | 207 |
नवंबर | 170 |
दिसंबर | 200 |
जनवरी | 193 |
फरवरी | 201 |
डॉ का कहना है कि किशोरियों की खराब दिनचर्या उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का मुख्य कारण है। पढ़ाई और डिजिटल दुनिया में व्यस्त रहने के कारण वे फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर पा रही हैं, जिससे उनके हार्मोन असंतुलित हो रहे हैं।
किन कारणों से मासिक धर्म प्रभावित हो सकता है?
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सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताना – देर रात तक मोबाइल चलाने से नींद प्रभावित होती है, जिससे हार्मोन असंतुलन होता है।
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शारीरिक गतिविधियों की कमी – एक्सरसाइज और खेलकूद में भाग न लेने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ जाता है।
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असंतुलित खानपान – फास्ट फूड और पोषण की कमी मासिक धर्म की समस्याओं को बढ़ाती है।
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तनाव और अनियमित नींद – मानसिक तनाव और नींद की कमी शरीर की प्राकृतिक प्रक्रियाओं को प्रभावित करती है।
क्या करें किशोरियां?
विशेषज्ञों का कहना है कि किशोरियों को अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की जरूरत है।
नियमित व्यायाम करें – दौड़ना, योग और अन्य शारीरिक गतिविधियां करें।
समय पर भोजन करें – संतुलित आहार लें, जिसमें आयरन और विटामिन भरपूर हों।
सोशल मीडिया का सीमित उपयोग करें – दिनभर मोबाइल और इंटरनेट से दूर रहकर खुद के लिए समय निकालें।
डॉक्टर से नियमित परामर्श लें – किसी भी समस्या को हल्के में न लें और समय पर इलाज कराएं।