भारी जाम ने ली मासूम बच्चे की जान, इलाज के लिए ले जा रहे थे अस्पताल

punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 09:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मुंबई-अहमदाबाद एक्सप्रेसवे की खराब हालत और लंबा ट्रैफिक जाम अब लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है। शनिवार रात इसी हाईवे पर दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई, जहां पांच घंटे तक जाम में फंसे रहने के कारण 16 महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई।

बच्चे की हालत गंभीर थी और उसे नायगांव चिंचोटी के गैलेक्सी अस्पताल से आगे के इलाज के लिए मुंबई ले जाया जा रहा था। परिवार निजी गाड़ी से निकला था, लेकिन वसई से दहिसर तक लगभग 20 से 30 किलोमीटर लंबे ट्रैफिक जाम में फंस गया।

रास्ते में ही बच्चे की हरकतें बंद हो गईं। आनन-फानन में परिजन उसे सासूनघर के पास एक छोटे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

परिजनों का गुस्सा, जनता में आक्रोश

परिजनों ने हाईवे की खराब हालत और ट्रैफिक जाम को बच्चे की मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि अगर सड़कें ठीक होतीं और जाम न होता, तो बच्चा समय पर अस्पताल पहुंच सकता था। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हाईवे अब "मौत का जाल" बन गया है। हर दिन यहां 20 से 30 किलोमीटर तक जाम लगता है, जिससे न केवल आम जनता परेशान है बल्कि आपातकालीन स्थितियों में जान भी जा रही है।

हाईवे की हालत बेहद खराब

मुंबई-अहमदाबाद एक्सप्रेसवे की हालत लंबे समय से खराब बनी हुई है। जगह-जगह गड्ढे हैं और बारिश के बाद हालात और बिगड़ गए हैं। ट्रैफिक की रफ्तार लगभग रोज ठप हो जाती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हाईवे की मरम्मत के नाम पर अब तक 600 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन जमीनी हालात नहीं बदले हैं।

NHAI पर सवाल

लोगों ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) पर सवाल उठाते हुए कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद न तो सड़क सुधरी है और न ही ट्रैफिक की समस्या कम हुई है। हाईवे पर रोजाना छोटे-बड़े हादसे हो रहे हैं। बीमार मरीजों, गर्भवती महिलाओं और स्कूली बच्चों तक को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Parveen Kumar

Related News