खुलासा: धर्म को बचाने के लिए पत्रकार गौरी लंकेश को कर दिया था गोलियों से छलनी!

punjabkesari.in Saturday, Jun 16, 2018 - 12:36 PM (IST)

बेंगलुरु: पत्रकार एवं कार्यकर्ता गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज कहा कि परशुराम वाघमारे ने गौरी की हत्या को अंजाम दिया था। परशुराम वाघमारे गौरी लंकेश की हत्या के संबंध में गिरफ्तार किए गए छह संदिग्धों में से एक है। एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि गौरी और तर्कवादी एवं अंधविश्वास विरोधी गोविंद पंसारे तथा एम एम कलबुर्गी को गोली मारने के लिए एक ही हथियार का इस्तेमाल किया गया। नाम उजागर न करने की शर्त पर एसआईटी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, वाघमारे ने गौरी को गोली मारी और फॉरेंसिक जांच से पुष्टि होती है कि (तर्कवादी) गोविंद पंसारे , एम एम कलबुर्गी और गौरी की हत्या एक ही हथियार से की गई। ’’ 
PunjabKesari
एक के बाद एक दागी गई थी चार गोलियां
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वाघमारे ने एसआईटी के सामने दावा किया कि जब 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु के आरआर नगर स्थित घर के सामने गौरी पर एक के बाद एक चार गोलियां दागी तो उसे पता नहीं था कि वह किसकी हत्या कर रहा है। एसआईटी के समक्ष वाघमारे ने कहा कि मुझे मई 2017 में कहा गया था कि अपने धर्म को बचाने के लिए मुझे किसी की हत्या करनी होगी। मैं तैयार हो गया।  मैं तब नहीं जानता था कि वह कौन है, लेकिन अब मैं सोचता हूं कि मुझे एक महिला को नहीं मारना चाहिए। 
PunjabKesari
इस संगठन में  हैं 60 सदस्य
 अधिकारी ने बताया कि हिंदू दक्षिणपंथी समूहों के लोगों को शामिल कर बनाए गए इस संगठन में 60 सदस्य हैं जो कम से कम पांच राज्यों में फैले हुए हैं लेकिन इस संगठन का कोई नाम नहीं है। अधिकारी ने कहा , हमें मालूम हुआ है कि इस गिरोह का मध्य प्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र , गोवा और कर्नाटक में नेटवर्क है। हम अभी तक उत्तर प्रदेश से उनके ताल्लुक का पता नहीं चला सके हैं। ’’  उन्होंने कहा कि भले ही इस गिरोह ने महाराष्ट्र के हिंदू जागृति समिति और सनातन संस्था जैसे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठनों के लोगों की भर्ती किया लेकिन ऐसा जरूरी नहीं कि ये संस्थाएं सीधे तौर पर हत्या में शामिल हों। दोनों ही संगठनों ने इन तीनों की हत्या में किसी तरह की भूमिका से इंकार किया है। अधिकारी ने बताया कि सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण गिरोह के लिए लोगों की भर्ती करता था और उसी से पूछताछ के दौरान इस नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ। उन्होंने बताया कि एसआईटी को संदेह था कि गौरी की हत्या के दौरान तीन और लोग वहां मौजूद थे। 
PunjabKesari
कार्यों को अंजाम देने से पहले ही गिरोह बनाता था योजना
उन्होंने बताया कि यह गिरोह बड़ी सतर्कता से अपने कार्यों को अंजाम देने से पहले उसकी योजना बनाता था। यह गिरोह जासूसी करना , निशाने पर लिए लोगों की कमजोरियां पहचानना और उनकी हत्या करने में छह महीने से साल भर तक का समय लेता था। उन्होंने कहा , यह गिरोह (कन्नड़ लेखक) प्रोफेसर एस भगवान की हत्या के लगभग अंतिम चरण में था जब हमने इन्हें धर दबोचा। ’’ कर्नाटक पुलिस ने हाल ही में भगवान की हत्या की साजिश का खुलासा किया था और गिर‍फ्तार किए गए चार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ही गौरी लंकेश की हत्या में इनकी संलिप्तता का संदेह हुआ।      


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Anil dev

Recommended News

Related News