Ayushman Card: आयुष्मान कार्ड से मिलेगा इतने लाख तक मुफ्त इलाज, जानिए कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं कवर

punjabkesari.in Monday, Jul 14, 2025 - 01:45 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सरकार की ओर से गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए शुरू की गई ‘आयुष्मान भारत योजना’ अब तक लाखों लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित हुई है। इस योजना के तहत आयुष्मान कार्डधारकों को हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। देशभर के सरकारी और निजी अस्पताल इस योजना के तहत मुफ्त व कैशलेस इलाज की सुविधा दे रहे हैं। अगर आपके पास भी आयुष्मान कार्ड है तो जानिए कि इससे किन बीमारियों का इलाज पूरी तरह मुफ्त होता है और किन चीजों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

क्या है आयुष्मान भारत योजना और कार्ड?

‘आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ (PMJAY) भारत सरकार की एक प्रमुख स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त में उपलब्ध कराना है। इसके अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को सालाना 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलता है।

इन बीमारियों का होता है मुफ्त इलाज

इस कार्ड के जरिए कई गंभीर और महंगे इलाज मुफ्त किए जाते हैं। आइए जानते हैं प्रमुख बीमारियां जो इस योजना में शामिल हैं:

1. हृदय संबंधी बीमारियां

दिल से जुड़ी बीमारियों का इलाज महंगा होता है, लेकिन आयुष्मान कार्ड के तहत ये बीमारियां कवर होती हैं:

  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD)

  • हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इन्फार्क्शन)

  • कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (CHF)

  • हाई ब्लड प्रेशर की जटिलताएं

  • एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी

2. कैंसर का इलाज

कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज भी आयुष्मान योजना में शामिल है:

  • कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी

  • ब्रेस्ट कैंसर

  • सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर

  • मुंह का कैंसर

  • आंत और पेट का कैंसर

  • फेफड़ों का कैंसर

3. न्यूरोलॉजिकल रोग

मस्तिष्क और नसों से जुड़ी कई बीमारियां इस योजना के दायरे में आती हैं:

  • स्ट्रोक और लकवा

  • ब्रेन ट्यूमर

  • मिर्गी का इलाज

  • रीढ़ की हड्डी की समस्याएं

  • पार्किंसन रोग

4. गुर्दा और मूत्र मार्ग की बीमारियां

किडनी से जुड़ी बीमारियां बहुत खर्चीली होती हैं, लेकिन अब ये भी कवर हैं:

  • क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD)

  • डायलिसिस (हीमो और पेरिटोनियल दोनों)

  • किडनी ट्रांसप्लांट (आंशिक कवरेज)

  • मूत्र संक्रमण (UTI)

  • प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्याएं

5. लीवर और पेट संबंधी समस्याएं

पाचन तंत्र से जुड़ी जटिल समस्याएं अब मुफ्त इलाज के दायरे में हैं:

  • लिवर सिरोसिस

  • हेपेटाइटिस B और C

  • पित्ताशय की पथरी

  • अपेंडिक्स की सर्जरी

  • हर्निया ऑपरेशन

6. फेफड़ों और सांस संबंधी रोग

सांस लेने में परेशानी और पुरानी फेफड़ों की बीमारियों का इलाज भी संभव है:

  • अस्थमा

  • क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)

  • टीबी

  • न्यूमोनिया

  • इंटरस्टिशियल लंग डिजीज (ILD)

7. हड्डी और जोड़ की समस्याएं

बुजुर्गों और दुर्घटना के शिकार लोगों के लिए राहत की खबर:

  • हिप और घुटने की सर्जरी

  • हड्डियों के फ्रैक्चर

  • ऑस्टियोपोरोसिस

  • रूमेटाइड अर्थराइटिस

8. महिलाओं से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाएं

महिलाओं की कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान:

  • सामान्य और सी-सेक्शन डिलीवरी

  • यूट्रस निकालने की सर्जरी

  • ओवरी सिस्ट का इलाज

  • बांझपन का सीमित इलाज

9. बच्चों के लिए विशेष देखभाल

नवजात और बच्चों के लिए जरूरी इलाज भी मुफ्त:

  • जन्मजात हृदय रोग

  • बच्चों का कैंसर

  • कुपोषण से जुड़ी बीमारियां

  • नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल

10. संक्रामक रोगों का इलाज

फैलने वाली बीमारियों पर भी योजना का कवरेज:

  • डेंगू और मलेरिया

  • HIV/AIDS (सीमित इलाज)

  • कुष्ठ रोग (Leprosy)

  • टायफाइड और हैजा

11. हार्मोन और मेटाबॉलिक रोग

अब इन जटिल बीमारियों का इलाज भी योजना के तहत मुफ्त:

  • डायबिटीज से जुड़ी समस्याएं

  • थायरॉयड विकार

  • पिट्यूटरी ग्रंथि की समस्याएं

  • मोटापे से जुड़ी बीमारियां

12. मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं

मानसिक बीमारियों को लेकर भी गंभीरता:

  • स्किज़ोफ्रेनिया

  • बाइपोलर डिसऑर्डर

  • डिप्रेशन का इलाज

  • मनोरोग काउंसलिंग और देखभाल

किन सेवाओं का नहीं मिलता लाभ?

कुछ सेवाएं इस योजना में शामिल नहीं हैं, जैसे:

  • ओपीडी में दिखाना (बिना भर्ती के इलाज)

  • सौंदर्य संबंधित सर्जरी

  • बांझपन और गर्भधारण संबंधी उपचार

  • जानबूझकर की गई चोटें या नशे से जुड़ी समस्याएं

क्या-क्या खर्च योजना में शामिल है?

  • इलाज से पहले जांच और दवाएं

  • अस्पताल में भर्ती, ऑपरेशन और मेडिकल सामग्री

  • ICU और NICU की सेवाएं

  • भोजन और रहने की व्यवस्था

  • मेडिकल इम्प्लांट (जैसे स्टेंट या कृत्रिम अंग)

  • डिस्चार्ज के बाद 15 दिन तक फॉलो-अप इलाज


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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