‘बेलारूस के संवैधानिक जनमत संग्रह के परिणामों को मान्यता नहीं देगा फ्रांस‘
punjabkesari.in Tuesday, Mar 01, 2022 - 01:41 AM (IST)
पेरिसः फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह बेलारूस के संविधान में संशोधन पर जनमत संग्रह के परिणामों को मान्यता नहीं देगा। बेलारूस के केंद्रीय चुनाव आयोग ने प्रारंभिक आंकड़ों का हवाला देते हुए रविवार को कहा कि एक जनमत संग्रह के दौरान 65.16 प्रतिशत बेलारूसी नागरिकों ने संवैधानिक संशोधनों के पक्ष में मतदान किया था। मंत्रालय ने कहा कि फ्रांस अपने यूरोपीय सहयोगियों की तरह, 9 अगस्त, 2020 को हुए बेलारूस के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को मान्यता नहीं देता है और न ही 22 से 27 फरवरी के बीच हुए इस देश में हुए तथाकथित जनमत संग्रह के परिणामों को मान्यता नहीं देता है।
इस संशोधन से यह नियम बहाल हो सकता है कि कोई व्यक्ति केवल दो बार ही पांच-पांच साल के लिए राष्ट्रपति बन सकता है। लुकाशेंको के कार्यकाल में ही इन नियमों को समाप्त किया गया था। प्रतिबंध केवल नव निर्वाचित राष्ट्रपति के पद ग्रहण करने के बाद ही प्रभावी होंगे, जिससे लुकाशेंको को 2025 में अपने वर्तमान कार्यकाल की अवधि समाप्त होने के बाद दो और कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बनने का मौका मिल सकता है।
बेलारूस के नव निर्मित ऑल-बेलारूसियन नेशनल असेंबली के देश की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था बनने की उम्मीद है, जो घरेलू और विदेशी नीतियों, सैन्य सिद्धांतों और राष्ट्रीय सुरक्षा अवधारणाओं को मंजूरी देगी। यह संविधान के व्यवस्थित और खुलेआम उल्लंघन, देशद्रोह, या कुछ अन्य गंभीर अपराधों के लिए राष्ट्रपति को हटाने में भी सक्षम होगी।