''चार जजों ने कहा था लोकतंत्र खतरे में है, फिर उनमें से एक CJI बन गए और अब सासंद'' गहलोत का रंजन गोगोई पर हमला
punjabkesari.in Saturday, Jul 16, 2022 - 07:21 PM (IST)
नेशनल डेस्कः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि नौकरशाहों व न्यायाधीशों को अपनी सेवानिवृत्ति के बाद की चिंता छोड़कर देश के लिए काम करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि अगर कोई मुख्यमंत्री, विधायक, सांसद या न्यायाधीश बनता है, तो उसे देश के लिए कुछ करने का मौका मिला है, उसे इसका गर्व होना चाहिए। मुख्यमंत्री देश के विधिक सेवा प्राधिकरणों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर केंद्रीय विधि मंत्री किरण रिजीजू, भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण मौजूद थे।
गहलोत ने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री बना हूं, कोई विधायक बनता है, सांसद बनता है, प्रधानमंत्री बनता है। आप न्यायाधीश बनते हैं... कितना गर्व होता, देश की सेवा करने का अवसर मिला है। जिंदगी हजार साल का नहीं होती, जो वक्त हमें मिला है उसमें हम देश के लिए कुछ करें।'' उन्होंने कहा, ‘‘सेवानिवृत्ति के बाद में हमें क्या बनना है, क्या बन सकते हैं... यह चिंता अगर नौकरशाही में रहेगी, न्यायपालिका में रहेगी तो फिर कैसे काम चलेगा? हालात बहुत गंभीर हैं देश में।''
गहलोत ने अपने संबोधन में भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनयन का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) गोगोई उच्चतम न्यायालय के उन चार न्यायाधीशों में से एक थे जिन्होंने कभी कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है, लेकिन सेवानिवृत्ति के बाद वह सांसद बन गए।
गहलोत ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी करने वाली भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा को फटकार लगाने वाले न्यायमूर्ति एच एस पारदीवाला और न्यायमूर्ति सूर्यकांत पर निशाना साधे जाने का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इन जजों ने देश के हालात पर अपनी भावना व्यक्त की थी लेकिन इसे मुद्दा बना दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में न्यायमूर्ति पारदीवाला और न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कुछ कह दिया... न्यायपालिका का सम्मान करना हमारा फर्ज बनता है।
116 लोगों को (न्यायाधीशों के खिलाफ) खड़ा किया गया, जिनमें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, नौकरशाह और बड़े-बड़े अधिकारी शामिल थे। पता नहीं कौन-कौन थे वे? कैसे मैनेज किया गया और इसे किसने मैनेज किया और इसे देश में एक मुद्दा बना दिया।'' गहलोत ने कहा, ‘‘ये बातें मुझे बहुत कटोचती हैं।''