कालापानी, लिपुलेख दर्रे पर नेपाल के दावे को विदेश मंत्रालय ने किया खारिज, कहा- नक्शा तथ्यों पर आधारि

punjabkesari.in Wednesday, May 20, 2020 - 09:18 PM (IST)

नई दिल्लीः विदेश मंत्रालय ने नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी किए जाने पर कहा कि एकतरफा कार्रवाई ऐतिहासिक तथ्यों, प्रमाणों पर आधारित नहीं है। जिसमें लिपुलेख और कालापानी को उसके भूभाग में दर्शाया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि नेपाल द्वारा नया नक्शा जारी किया जाना, सीमा संबंधी मुद्दों को बातचीत के जरिए हल किए जाने की द्विपक्षीय समझ के विपरीत है। बता दें कि नेपाल ने इस विवादित हिस्से का नक्शा जारी कर इसे अपना बताया था।
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वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कहा कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल के हैं। उन्होंने इस क्षेत्रों को भारत से राजनीतिक और कूटनीतिक प्रयासों से ‘‘वापस लेने'' की प्रतिबद्धता जतायी थी। वहीं, उनकी अध्यक्षता में उनके मंत्रिमंडल ने एक नए राजनीतिक मानचित्र को मंजूर किया जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के रूप में दर्शाया गया है।
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नेपाल के प्रधानमंत्री ने संसद में कहा कि ये क्षेत्र नेपाल के हैं ‘‘लेकिन भारत ने वहां अपनी सेना रखकर उन्हें एक विवादित क्षेत्र बना दिया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत द्वारा सेना तैनात करने के बाद नेपालियों को वहां जाने से रोक दिया गया।'' 
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बता दें कि लिपुलेख दर्रा नेपाल और भारत के बीच विवादित सीमा, कालापानी के पास एक दूरस्थ पश्चिमी स्थान है। भारत और नेपाल दोनों कालापानी को अपनी सीमा का अभिन्न हिस्सा बताते हैं। भारत उसे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा बताता है और नेपाल इसे धारचुला जिले का हिस्सा बताता है।


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Yaspal

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