बिहार-असम में बाढ़ का कहर: देशभर में 100 लोगों की मौत, 90 फीसदी तक डूबा काजीरंगा नेशनल पार्क

punjabkesari.in Tuesday, Jul 16, 2019 - 09:19 AM (IST)

नेशनल डेस्कः बिहार और असम में बाढ़ कहर जारी है। नेपाल में भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार की सभी नदियां लगातार उफान पर हैं। नदियों के बढ़ रहे जल स्तर का प्रभाव अब तटबंधों पर दिखने लगा है। मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी में शनिवार की देर रात से रविवार तक 6 तटबंध टूट गए। मोतिहारी में तिलावे नदी का तटबंध फुलवार और रोहिनिया गांव के बीच टूट गया। बाढ़ से देशभर में अब तक 100 लोगों की मौत हो गई है। अकेले बिहार में ही 46 लोग मारे गए और कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं।
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असम
असम के 33 में से 30 जिलों के करीब 43 लाख लोग सैलाब से प्रभावित हैं। बाढ़ ने 15 लोगों की जान भी ले ली है। इसके अलावा, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य और मानस राष्ट्रीय उद्यान भी जलमग्न हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनेवाल से सोमवार को फोन पर बात की और राज्य में बाढ़ के हालात के बारे में जानकारी ली। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य के 4,157 गांवों के 42.87 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में ब्रह्मपुत्र का जलस्तर खतरे के निशान से पार चला गया है।

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बिहार
बिहार में सैलाब की वजह से मरने वालों की संख्या 24 हो गई है। पड़ोसी देश नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद राज्य के 12 जिलों में आई बाढ़ की वजह से 25.66 लाख लोग प्रभावित हैं। पूर्वी चम्पारण जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में पांच और बच्चे डूब गए हैं, लेकिन राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसे बाढ़ से संबंधित घटना मानने से इनकार किया। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने, बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई मुआयना किया। मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी में शनिवार की देर रात से रविवार तक 6 तटबंध टूट गए। मोतिहारी में तिलावे नदी का तटबंध फुलवार और रोहिनिया गांव के बीच टूट गया।
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उधर कोसी बराज से पानी छोड़े जाने के बाद सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, किशनगंज, कटिहार व पूर्णिया के नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सबसे ज्यादा क्षति अररिया व किशनगंज में हुई है। बाढग़्रस्त 8 जिलों शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, अररिया, किशनगंज, सुपौल व दरभंगा के पदाधिकारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है, वहीं बाढ़ से क्षतिग्रस्त ग्रामीण सड़कों को लेकर ग्रामीण कार्य विभाग ने निर्देश दिया है कि बिना अनुमति के अभियंता मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।

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Seema Sharma

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