चमत्कार! रोबोट ने कर दिखाया मेडिकल करिश्मा, बेटे को मां ने दी नई ज़िंदगी, पहली बार हुआ सफल किडनी ट्रांसप्लांट

punjabkesari.in Sunday, Oct 05, 2025 - 10:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क। राजस्थान के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान सवाई मानसिंह (SMS) चिकित्सालय ने चिकित्सा जगत में एक नया इतिहास रच दिया है। शनिवार को अस्पताल में पहली बार रोबोट की सहायता से किडनी ट्रांसप्लांट की सफल सर्जरी की गई। इस ऑपरेशन में एक मां ने अपने बेटे को किडनी दान करके उसे नई जिंदगी दी है।

हाई ब्लड प्रेशर से खराब हुई थी दोनों किडनियां

यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शिवम प्रियदर्शी ने बताया कि यह ऑपरेशन 71 वर्षीय मां और उनके 34 वर्षीय बेटे का किया गया है। बेटे की दोनों किडनियां हाई ब्लड प्रेशर के कारण खराब हो चुकी थीं। वह पिछले कुछ महीनों से लगातार डायलिसिस पर था। जटिल सर्जरी होने के बावजूद इस ट्रांसप्लांट ऑपरेशन में करीब साढ़े तीन घंटे का समय लगा।

रोबोटिक सर्जरी के फायदे

रोबोटिक ट्रांसप्लांट सर्जरी की खासियत यह थी कि किडनी देने वाली मां का ऑपरेशन दूरबीन (Laparoscopy) विधि से किया गया जिसमें 5-6 सेंटीमीटर का छोटा चीरा लगाकर किडनी निकाली गई।
बेटे का ऑपरेशन रोबोट के जरिए किया गया जिसमें 6-7 सेंटीमीटर का चीरा लगाकर किडनी लगाई गई।

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SMS सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि चीरा छोटा लगता है, खून कम बहता है, दर्द भी कम होता है और मरीज की रिकवरी भी जल्द होती है।

इस महत्वपूर्ण सर्जरी में डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. गोविंद शर्मा, डॉ. सोमेंद्र बंसल और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. वर्षा कोठारी, डॉ. अनुपमा गुप्ता और डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया। यह सफलता एसएमएस अस्पताल को रोबोटिक सर्जरी के क्षेत्र में एक कदम आगे ले जाती है।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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