फेवरेट टीचर बना दरिंदा: 6-7 साल की बच्चियों के साथ साउंडप्रूफ कमरे में करता था गंदा काम, कोर्ट ने सुनाई 215 साल की सज़ा
punjabkesari.in Monday, Aug 25, 2025 - 03:56 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक स्कूल टीचर जो बाहर से एक सीधा-साधा इंसान और बच्चों का 'फेवरेट टीचर' लगता था, असल में एक दरिंदा निकला। किम केनेथ विल्सन (64) नाम के इस शख्स को बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के जुर्म में 215 साल की जेल की सजा सुनाई गई है।
स्कूल का AV क्लब बना 'टॉर्चर रूम'
विल्सन ने करीब 23 साल तक एक एलिमेंट्री स्कूल में पढ़ाया था। वह न सिर्फ बच्चों को क्लास में पढ़ाता था, बल्कि वह स्कूल के AV Club (ऑडियो-विजुअल क्लब) का हेड भी था। इस वजह से उसे स्कूल के साउंडप्रूफ ब्रॉडकास्ट रूम तक आसानी से पहुंच मिल गई थी। इस कमरे का फायदा उठाकर विल्सन ने इसे अपना टॉर्चर रूम बना लिया था।
वह 6-7 साल तक की मासूम बच्चियों को बहला-फुसलाकर इस बंद कमरे में बुलाता था। वहाँ कोई खिड़की नहीं थी और न ही बाहर किसी को अंदर की आवाज सुनाई देती थी। इसी जगह पर वह उनके साथ गलत हरकतें करता, मारपीट करता और उनके आपत्तिजनक वीडियो व तस्वीरें भी बनाता था।
घर पर भी करता था दरिंदगी
विल्सन की दरिंदगी सिर्फ स्कूल तक ही सीमित नहीं थी। वह अपने घर पर भी बच्चों को बुलाकर प्राइवेट पार्टियां रखता था और उन्हें अपना शिकार बनाता था। धीरे-धीरे उसने बच्चों की आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो का एक बड़ा जखीरा इकट्ठा कर लिया था।
ये भी पढ़ें- Bank Holidays: सितंबर में 15 बंद रहेंगे बैंक, चेक कर लें पूरी लिस्ट, कहीं लटक न जाए आपका लोन, चेक या बैंक का कोई दूसरा काम!
कैसे खुला काला सच?
सालों तक विल्सन यह सब करता रहा, लेकिन न तो स्कूल प्रशासन को इसकी भनक लगी और न ही पुलिस को। लेकिन 2023 में एक गुमनाम शिकायत के बाद पुलिस ने उसके घर पर छापेमारी की। इस छापेमारी में मिले सबूतों ने सबको हिला दिया। पुलिस ने उसके घर से हजारों आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो बरामद किए। जांच में दर्जनों बच्चों के साथ शोषण की पुष्टि हुई।
अदालत का फैसला और कानूनी पेच
यह मामला अदालत में पहुंचा। कई बच्चों और उनके परिवारों ने हिम्मत करके गवाही दी। अदालत ने विल्सन को 36 गंभीर आरोपों में दोषी पाया। कई पीड़ित इतने सदमे में थे कि वे अदालत में कुछ बोल नहीं पाए, वरना आरोपों की संख्या और भी ज़्यादा हो सकती थी।
अमेरिकी अदालत ने विल्सन को 215 साल की कैद की सजा सुनाई। जज ने साफ कहा कि यह शख्स अपनी जिंदगी का आखिरी दिन भी जेल की सलाखों के पीछे ही गुजारेगा। लेकिन, इस सजा में एक कानूनी पेच भी है। अमेरिका में बुजुर्ग कैदियों को 20 साल की सजा काटने के बाद पैरोल मिलने का नियम है। अगर विल्सन इस नियम का फायदा उठाता है, तो वह 85 साल की उम्र में जेल से बाहर आ सकता है।