Fatty Liver: सावधान! दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे फैटी लिवर के मामले, इस खतरे से बचने का ये है आसान इलाज
punjabkesari.in Thursday, Sep 18, 2025 - 08:19 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत समेत दुनियाभर में फैटी लिवर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि बदलती जीवनशैली और असंतुलित खानपान इसकी प्रमुख वजह हैं। लेकिन अब एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि विटामिन B3 फैटी लिवर से लड़ने में कारगर साबित हो सकता है।
क्या है फैटी लिवर?
फैटी लिवर वह स्थिति होती है जब लिवर में वसा (फैट) जमा होने लगती है। यह स्थिति तब खतरनाक हो जाती है जब अतिरिक्त चर्बी लिवर के सामान्य कार्य में बाधा डालने लगती है। समय के साथ यह लिवर सिरोसिस या यहां तक कि लिवर फेलियर का कारण बन सकती है।
MicroRNA-93 नामक एक जीन
साइंस डेली में प्रकाशित एक हालिया शोध के अनुसार, वैज्ञानिकों ने पाया है कि MicroRNA-93 नामक एक जीन फैटी लिवर डिजीज को ट्रिगर करता है। यह जीन लिवर में फैट जमा होने की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि विटामिन B3 (नियासिन) इस जीन की गतिविधि को कम कर सकता है। इससे लिवर में फैट जमा होना घटता है, और NAFLD को रोका जा सकता है।
शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद
विटामिन B3 शरीर के मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करता है और लिवर में जमा फैट को कम करने में अहम भूमिका निभाता है। रिसर्च बताती है कि नियासिन MicroRNA-93 की सक्रियता को दबाकर लिवर को सुरक्षित करता है। यह लिवर की सेहत को सुधारने और फैटी लिवर के इलाज में भी सहायक हो सकता है।
B3 एक सुलभ और सस्ता विटामिन
विटामिन B3 एक सुलभ और सस्ता विटामिन है, जो अनेक प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। नॉनवेज विकल्पों में चिकन, मछली (जैसे टूना और साल्मन), टर्की, पोर्क और अंडा शामिल हैं। शाकाहारी स्रोतों में साबुत अनाज जैसे ब्राउन राइस, साबुत गेहूं और फोर्टिफाइड कॉर्नफ्लेक्स, दालें और बीज जैसे मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, मसूर दाल, साथ ही मशरूम, हरी मटर, आलू और टमाटर जैसी सब्जियां भी विटामिन B3 का अच्छा स्रोत हैं। इसके अलावा फल जैसे एवोकाडो और खजूर तथा डेयरी उत्पादों में दूध और दही भी इस विटामिन की आपूर्ति करते हैं।
कैसे करें फैटी लिवर से बचाव?
- नियमित व्यायाम करें
- जंक फूड से परहेज करें
- संतुलित और पोषणयुक्त आहार लें
- समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराएं