पिता स्कूल न जाने और डेटिंग करने के लिए डांटते थे...तो 15 साल की बेटी ने लगाया बलात्कार का झूठा आरोप

punjabkesari.in Monday, Aug 12, 2024 - 02:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देहरादून में एक नाटकीय मोड़ के तहत, एक विशेष POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत ने 42 वर्षीय लॉन्ड्रीमैन को बलात्कार के झूठे आरोपों से बरी कर दिया है। यह आरोप उसकी 15 वर्षीय बेटी ने लगाए थे, जो अब सामने आया है कि उसने अपने पिता के स्कूल न जाने और डेटिंग करने की अस्वीकृति के प्रतिशोध के रूप में गढ़े थे।

यह मामला 25 दिसंबर, 2019 को बाल कल्याण समिति द्वारा दर्ज की गई शिकायत से शुरू हुआ। लड़की ने अपनी छोटी बहन के दावों के समर्थन में अपने पिता के खिलाफ यौन शोषण की रिपोर्ट की। इसके बाद पिता को गिरफ्तार किया गया और वह दो दिन बाद से जेल में थे। हालांकि, हाल ही में जांच में पाया गया कि लड़की ने अपने प्रेमी को पत्र लिखे थे, जो मुकदमे में महत्वपूर्ण साबित हुए। क्रॉस-क्वेश्चन के दौरान लड़की ने कबूल किया कि उसके प्रेमी ने उसके पिता के सख्त पालन-पोषण के तरीकों से नाराज होकर झूठे आरोप लगाए थे। 

मुकदमे के दौरान प्रस्तुत की गई मुख्य गवाही में एक डॉक्टर द्वारा प्रदान किया गया चिकित्सा साक्ष्य भी शामिल था, जिसमें कहा गया कि मेडिकल जांच में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई। यह साक्ष्य पिता के आरोपों को लगातार नकारने के साथ मेल खाता है। अदालत ने पाया कि झूठे आरोपों की वजह से पिता को पांच साल की कैद की सजा मिली थी, जिसे अब पलटा गया है। यह मामला बाल न्याय प्रणाली की संवेदनशीलता और झूठे आरोपों के गंभीर परिणामों पर प्रकाश डालता है। 
 

 

 

 


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Content Editor

Mahima

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