VIDEO- लाल किले पर किसानों ने लाठियों से किया वार, दीवार कूदने को मजबूर हुए पुलिस वाले
punjabkesari.in Wednesday, Jan 27, 2021 - 11:03 AM (IST)
नेशनल डेस्क: किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के नाम पर दिल्ली में जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘ट्रैक्टर परेड' के लिए जिन शर्तों पर पहले बनी सहमति बनी थी, उनका उल्लंघन किया। उन्होंने हिंसा और तोड़फोड़ की, जिसमें कम से कम 86 पुलिसकर्मी घायल हो गए। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान झड़पें देखने को मिली। वहीं किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 22 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। मंगलवार को किसान भारी संख्या में लाल किले में घुस गए और प्राचीर पर चढ़कर निशान साहिब और किसानों का झंडा लगा दिया। इस दौरान कई प्रदर्शनकारी किसानों ने पुलिस पर लाठियों से हमला भी कर दिया।
Very unfortunate !!#FarmersProstests #LalQuila pic.twitter.com/9m7kqGEq0k
— Vineet jaiswal (@vjaiswal007) January 26, 2021
खुद को बचाने के लिए पुलिसकर्मियों ने लाल किले की दीवार फांद कर अपनी जान बचाई। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए। सोशल मीडिया पर इसकी वीडियो काफी वायरल हो रही है। लाल किला परिसर में 15 फुट की दीवार पर पहले तो पुलिसकर्मी किसानों से बचने के लिए हाथापाई करते लेकिन किसान लाठियां लेकर पुलिस पर टूट पड़े जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों को कूदने के लिए मजबूर होते हुए देखा गया।
86 पुलिसकर्मी घायल
संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिसकर्मियों पर हमले करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त प्रवक्ता अनिल मित्तल ने कहा कि झड़पों में कुल 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें लाल किला और पूर्वी जिले में हुई घटनाएं भी शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त डीसीपी (पूर्वी) मंजीत उस समय बाल-बाल बच गए जब कुछ किसानों ने उन्हें अपने ट्रैक्टर से धक्का मारने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई चोट नहीं आई। झड़पों के बाद पुलिसकर्मियों सहित घायलों को लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘उनमें से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई। चोटों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया कि इन लोगों के पैर और हाथ में फ्रैक्चर हैं तथा कटने के भी जख्म हैं। लाठी-डंडा, तिरंगा और अपनी यूनियनों के झंडे लिए हजारों किसानों ने ट्रैक्टरों से अवरोधकों को तोड़ दिया। वे पुलिस से भिड़ गए और विभिन्न स्थानों से दिल्ली के भीतर घुस गए।
आईटीओ पर लाठी-डंडा लिए सैकड़ों किसान पुलिस का पीछा करते देखे गए और उन्होंने वहां खड़ी बसों को अपने ट्रैक्टरों से टक्कर मारी। एक प्रदर्शनकारी की तब मौत हो गई जब उसका ट्रैक्टर पलट गया। आईटीओ युद्धक्षेत्र में तब्दील नजर आया। वहां सड़कों पर ईंट-पत्थर बिखरे नजर आए।