मशहूर बंगाली अभिनेता सौमित्र चटर्जी का निधन, कोरोना से ठीक होने के बाद भी हारे मौत से जंग
punjabkesari.in Sunday, Nov 15, 2020 - 03:07 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित मशहूर बंगाली अभिनेता सौमित्र चटर्जी का रविवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता के एक अस्पताल में निधन हो गया। सौमित्र चटर्जी कोरोना वायरस से संक्रमित थे और 38 दिन बाद आज उनका निधन हो गया। सौमित्र चटर्जी 85 साल के थे और उनके घर में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है। अभिनेता सौमित्र चटर्जी को कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद 6 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
भारतीय फिल्म जगत के प्रसिद्ध निर्देशक सत्यजीत रे के सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में से एक सौमित्र चटर्जी की कोरोना की जांच रिपोर्ट14 अक्तूबर को निगेटिव आई थी। इसके बाद भी उन्हें अस्पताल में भर्ती रखा गया था क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानी हो रही थी।
इससे पहले शनिवार को अभिनेता सौमित्र चटर्जी का उपचार कर रहे डॉक्टरों ने कहा था कि उनकी तबियत बेहद नाजुक है और उनके स्वास्थ्य में किसी चमत्कार से ही सुखद परिणाम सामने आ सकते हैं। बेले व्यू क्लिनिक के डॉ अरिंदम कर ने कहा था कि चटर्जी की हालत पिछले 24 घंटों से ठीक नहीं है और उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। वह स्वस्थ नहीं हैं। ऐसा लगता है कि हमारी 40 दिनों की कोशिश उन्हें अच्छी तरह से स्वस्थ करने के लिए पर्याप्त नहीं थी। फिलहाल हमारे पास कहने के लिए कुछ भी नया नहीं है। हम सभी प्रार्थना करें
कि वह स्वस्थ हो जाएं लेकिन ऐसा लगता है कि कोई अनुकूल परिणाम नहीं आ पाएगा।
सौमित्र चटर्जी के करियर पर एक नजर
- अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने अपने करियर के दौरान साल 2016 तक 210 से अधिक
- फिल्मों में काम किया। उन्हें 1986 में उनकी निर्देशित फिल्म‘स्त्री की पत्र'के लिए भी बहुत प्रशंसा मिली थी। यह फिल्म रवीन्द्र नाथ टैगोर के ‘स्त्रीर पत्र' पर आधारित है।
- अभिनेता को 2012 में भारत सरकार ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से
- सम्मानित किया। सौमित्र चटर्जी ने बंगाली थिएटर में एक अभिनेता के रूप में
- दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते हैं और उन्हें 1998 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
- साल 2013 में आईबीएन लाइव ने उन्हें भारतीय सिनेमा का चेहरा बदलने वाले कलाकारो में से एक के रूप में नामित किया था।
- दिग्गज अभिनेता को साल 2014 में ‘रूपकथा नोय' में उनकी शानदार भूमिका के लिए ‘फिल्मफेयर अवार्ड्स ईस्ट फॉर बेस्ट मेल एक्टर (क्रिटिक)' से नवाजा गया था। उन्होंने अपने करियर में सात फिल्मफेयर पुरस्कार जीते और साल 2006 में उन्हें फिल्म ‘पोडोकशेप' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- भारत सरकार ने बंगाल के इस दिग्गज अभिनेता को साल 2004 में ‘पद्म भूषण' पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
- सौमित्र चटर्जी साल 1956 में फिल्म ‘अपराजितो' की कास्टिंग के दौरान महान निर्देशक सत्यजीत राय से संपर्क में आए थे जो नए चहेरों की तलाश में थे।
- राय को सौमित्र तभी बहुत पसंद आ गए थे लेकिन उस समय सौमित्र 20 साल के थे और किशोर ‘अपू' के किरदार के लिए फिट नहीं बैठ रहे थे। निर्देशक सत्यजीत
- राय ने सौमित्र चटर्जी को याद रखा और दो साल बाद उन्हें फिल्म ‘अपुर संसार' में ‘अपु' का युवा किरदार निभाने का अवसर दिया। भले ही आज सौमित्र चटर्जी हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनका शानदार अभिनय उन्हें हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रखेगा।