बैठकें और रिपोर्ट तैयार करने में व्यस्त अधिकारी, सुखना के बारे में जमीनी स्तर पर नहीं हो रहा कोई काम -हाईकोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Nov 23, 2016 - 08:33 AM (IST)

चंडीगढ़ (सत्ती): सुखना लेक के गिरते जलस्तर मामले को लेकर मंगलवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सामने आया कि इस मामले का गैरकुदरती उपायों से स्थायी हल संभव नहीं है व ऐसे में लेक में गाद व वीड पनपती रहेगी। यह तथ्य कुछ अन्य झीलों को बचाने के लिए अब तक हुए प्रयोगों के आधार पर हाईकोर्ट के समक्ष विशेषज्ञ एस.पी.एस. रंधावा ने पेश किए और साथ ही प्राकृतिक क्रियाओं के लिए किए जाने वाले प्रबंधों की जानकारी भी दी। उन्होंने बैंच को बताया कि गाद और वीड निकलने से कुछ नहीं होगा क्योंकि रात को ऑक्सीजन कमी के कारण यह बैठ जाती हैं, इससे निजात पाने के लिए सुखना के किनारों पर पाइप लाइन बिछाकर हवा झील में फैंकी जानी चाहिए ताकि वीड और गाद निकालने में आसानी होगी। ऐसे में अगले दो दशकों तक राहत मिल जाएगी। हाईकोर्ट ने प्रशासन को इस सुझाव पर गौर करने को कहा है और इसके अलावा सुखना के आसपास पंजाब और हरियाणा के हिस्सों के जल स्रोतों से पानी झील में लाने पर प्रयास करने को भी कहा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रशासनिक अधिकारी बैठकें करने और रिपोर्ट तैयार करने में ही व्यस्त रहते हैं, जमीनी स्तर पर सुखना बारे काम नहीं हो रहा है।


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