ऑपरेशन सिंदूर के बाद जम्मू-कश्मीर में पूर्व सैनिकों की एंट्री, जानिए का नया सरकार प्लान

punjabkesari.in Monday, May 26, 2025 - 09:16 PM (IST)

नेशनल डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद अब जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक और बड़ा और रणनीतिक कदम उठाया है। इस बार निशाने पर हैं वो आतंकी और उनके समर्थक जो भारत की सुरक्षा और विकास को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य की महत्वपूर्ण इमारतों और ठिकानों की सुरक्षा अब पूर्व सैनिकों को सौंपी जाएगी। इस योजना के तहत करीब 4,000 पूर्व सैनिकों की तैनाती की जाएगी जो राष्ट्र सेवा में दोबारा अपनी भूमिका निभाएंगे।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के मंसूबे फिर सक्रिय

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में नौ आतंकी ठिकाने तबाह हुए और सौ से अधिक आतंकवादी मारे गए। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि इस जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी जम्मू-कश्मीर में सामरिक और विकास से जुड़ी इमारतों पर हमले की साजिश रच सकते हैं। ऐसे खतरे को देखते हुए जम्मू-कश्मीर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने तय किया है कि प्रदेश की महत्वपूर्ण इमारतों, पुलों, डैम, टावरों, ट्रांजिट यार्ड्स और प्रशासनिक केंद्रों की सुरक्षा का जिम्मा पूर्व सैनिकों को सौंपा जाएगा। यह फैसला इसलिए भी अहम है क्योंकि पूर्व सैनिकों के पास अनुशासन, प्रशिक्षण और जोखिम की समझ पहले से ही मौजूद होती है।

डेटाबेस तैयार, हर जिले में तैनाती को तैयार

जम्मू-कश्मीर सैनिक बोर्ड ने इन पूर्व सैनिकों का डेटाबेस भी तैयार कर लिया है। यह डेटा इस लिहाज से अहम है कि आवश्यकता पड़ने पर किसी भी पूर्व सैनिक को राज्य के किसी भी जिले में तत्काल तैनात किया जा सके। इस लिस्ट में उन सैनिकों को प्राथमिकता दी जा रही है जो जम्मू-कश्मीर के भौगोलिक और रणनीतिक इलाकों से भली-भांति परिचित हैं।

सुरक्षा ऑडिट के बाद लिया गया निर्णय

राज्य में चल रहे सिक्योरिटी ऑडिट के दौरान यह पाया गया कि कई महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा इंतजामों में सुधार की जरूरत है। इनपुट मिले कि आतंकवादी, सेना या पुलिस की सीधी चौकियों पर हमले न कर, अब विकास कार्यों से जुड़ी इमारतों और संस्थानों को निशाना बना सकते हैं। ऐसे में सरकार ने तय किया कि इन जगहों पर स्थानीय, प्रशिक्षित और राष्ट्र के लिए समर्पित पूर्व सैनिकों को तैनात किया जाएगा। राज्य सरकार के इस कदम से पूर्व सैनिकों में भी जोश है। बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक आगे आकर खुद को रजिस्टर करा रहे हैं। कई पूर्व सैनिकों ने कहा कि यह उनके लिए एक ‘दूसरी पोस्टिंग’ जैसी है जिसमें उन्हें फिर से देश की रक्षा करने का मौका मिल रहा है। जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जिलों में इन्हें तैनात किया जाएगा ताकि वहां की स्थानीय जरूरतों के अनुसार सुरक्षा दी जा सके।

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Ashutosh Chaubey

Related News