एकनाथ शिंदे भावुक स्वभाव के हैं, अजित पवार हैं प्रैक्टिकल, महाराष्ट्र के CM Devendra Fadnavis ने क्यों दिया ऐसा बयान?

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2024 - 10:25 AM (IST)

नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र में गुरुवार को एक नई सरकार का गठन हुआ, जिसमें देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस घटना के बाद से मीडिया में चर्चा शुरू हो गई थी कि एकनाथ शिंदे नई सरकार में अपनी जिम्मेदारियों को लेकर असंतुष्ट हैं और उनकी नाराजगी के कारण सरकार गठन में देरी हो रही है। इस पर शुक्रवार को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुलकर अपनी बात रखी और शिंदे की नाराजगी की बात को खारिज किया।

नाराजगी की अफवाहों का खंडन
देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट रूप से कहा कि एकनाथ शिंदे किसी भी मुद्दे पर नाराज नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिन अफवाहों के अनुसार शिंदे की नाराजगी के चलते सरकार गठन में देरी हो रही थी, वे पूरी तरह से गलत हैं। फडणवीस ने कहा, "शिंदे जी थोड़े भावुक स्वभाव के हैं, जबकि अजित पवार राजनीतिक मामलों में अधिक व्यावहारिक नजरिया रखते हैं। मैं इन दोनों नेताओं से व्यक्तिगत रूप से जुड़ा हुआ हूं, और मुझे लगता है कि वे दोनों पूरी तरह से सरकार की सफलता के लिए काम करेंगे।"

सरकार गठन में देरी नहीं हुई
फडणवीस ने यह भी बताया कि महायुति गठबंधन सरकार ने पिछले ढाई साल के कार्यकाल में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन सभी पार्टियां और नेता एकजुट होकर आगे बढ़े हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सरकार गठन में कोई अत्यधिक देरी नहीं हुई और यह प्रक्रिया सामान्य समय में पूरी हुई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह सरकार स्थिर और मजबूत होगी, और सभी प्रमुख नेता एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करेंगे। 

समन्वय समिति की अध्यक्षता को लेकर विवाद
राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि कुछ लोग चाहते थे कि एकनाथ शिंदे समन्वय समिति के अध्यक्ष बनें, लेकिन शिंदे ने इस मुद्दे पर कोई विवाद खड़ा नहीं किया। देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि दिल्ली में हुई बैठक में शिंदे ने स्वयं यह स्वीकार किया था कि चूंकि भाजपा के पास ज्यादा विधायक हैं, इसलिए मुख्यमंत्री पद पर भाजपा का अधिकार बनता है, और उन्होंने अपनी पार्टी के नेता के रूप में यह जिम्मेदारी स्वीकार की।

हिंदुत्व और विकास पर देवेंद्र फडणवीस का बयान
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि हिंदुत्व और विकास दो अलग-अलग बातें नहीं, बल्कि एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। उन्होंने कहा, "हमारा विश्वास है कि हिंदुत्व और विकास दोनों को साथ लेकर ही महाराष्ट्र की प्रगति की जा सकती है।" इसके साथ ही फडणवीस ने भारतीय मुसलमानों के संदर्भ में भी बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा, "भारतीय मुसलमान एक अलग प्रार्थना शैली का पालन करते हैं, लेकिन वे अरब से नहीं आए हैं, वे हमारे अतीत के हिंदू भाई हैं।"

एकनाथ शिंदे का नेतृत्व और पार्टी मजबूती
इससे पहले, शिवसेना नेता उदय सामंत ने भी बयान दिया था कि एकनाथ शिंदे नई सरकार में शामिल नहीं होना चाहते थे और वे अपनी पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की पार्टी नेताओं की मांग के बाद शिंदे नरम पड़े और उन्होंने सरकार में शामिल होने का निर्णय लिया। महाराष्ट्र में सरकार गठन के बाद के घटनाक्रम ने राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा पैदा की है। देवेंद्र फडणवीस का यह बयान कि एकनाथ शिंदे भावुक स्वभाव के हैं और अजित पवार ज्यादा व्यावहारिक हैं, इस समय राजनीतिक समीकरणों को लेकर एक नई दिशा को इंगीत करता है। साथ ही, शिंदे की नाराजगी की अफवाहों का खंडन कर फडणवीस ने यह स्पष्ट कर दिया कि महायुति गठबंधन के नेता एकजुट हैं और राज्य की प्रगति के लिए काम करेंगे।

 


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Content Editor

Mahima

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