वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों पर ECI का पत्र—‘समय पर उठाया गया होता, तो सब सुधर सकता था’

punjabkesari.in Sunday, Aug 17, 2025 - 04:37 AM (IST)

नेशनल डेस्कः चुनाव आयोग (Election Commission of India - ECI) ने विपक्ष के वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाने के बाद सफाई जारी की है। आयोग ने कहा कि अगर समय पर ‘दावे एवं आपत्तियां’ (Claims & Objections) की अवधि में त्रुटियों को स्पष्ट रूप से उजागर किया गया होता, तो उन्हें तुरंत ठीक किया जा सकता था।

क्या कहता है चुनाव आयोग?

  • ईसीआई ने कहा है कि पारदर्शिता मतदाता सूची तैयार करने की सबसे बड़ी विशेषता है। इसे सुनिश्चित करने के लिए, मतदाता सूची ड्राफ्ट (कच्ची सूची) के प्रकाशन पर डिजिटल और भौतिक दोनों रूपों में सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के साथ साझा की जाती है।

  • “दावे और आपत्तियों का समय” वोटर लिस्ट की त्रुटियों को बढ़िया तरीके से सुधारने का वह मौका होता है, जिसे राजनीतिक दलों और बूथ स्तर के एजेंटों (BLA) को गंभीरता से लेना चाहिए था।

  • आयोग ने यह भी कहा कि गलतियां अगर समय रहते SDM, ERO या CEO तक पहुंचाई गई होतीं, तो उन्हें चुनाव से पहले सुधार लिया जाता। लेकिन अब जब बाद में शिकायतें सामने आ रही हैं, तो उन्हें ठीक करना मुश्किल है।

  • बावजूद इसके, चुनाव आयोग ने अभी भी कहा कि वह राजनीतिक दलों और मतदाताओं से वोटर लिस्ट की जांच और सुझाव स्वागत योग्य मानता है और इस प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर सहयोग का आह्वान करता रहा है।

संदर्भ और हालात

  • राहुल गांधी और विपक्षी दलों ने हाल ही में ‘Vote Adhikar Yatra’ की शुरुआत बिहार में की है, ताकि मतदाता अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़े और वोटर लिस्ट से जुड़ी गड़बड़ियों पर सवाल उठे।

  • बिहार में पिछले कुछ दिनों में Special Intensive Revision (SIR) के तहत मतदाता रजिस्टरों में बड़े पैमाने पर संशोधन किए गए हैं, जिससे कुछ मतदाताओं को हटाए जाने या जुड़ने की प्रक्रिया में विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि इससे संवेदनशील और कमजोर Bevölkerung वंचित हो सकती है।

  • इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने ईसीआई को निर्देश दिया है कि वह बिहार की SIR में हटाए गए 65 लाख मतदानकर्ताओं की जिला-वार सूची motivos (कारण) के साथ प्रकाशित करे और समय-सीमा बढ़ाते हुए सुझाव स्वीकार करे।


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Content Writer

Pardeep

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