ई-डी.ए.आर. सॉफ्टवेयर क्रियान्वयन को लेकर प्रशिक्षण सत्र आयोजित
punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 06:04 PM (IST)
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चंडीगढ़, 13 फरवरी:(अर्चना सेठी) सड़क हादसों में कमी लाने और दुर्घटनाओं की रिपोर्टिंग तथा दावों के निपटारे को बेहतर बनाने के उद्देश्य से पंजाब में ई-डी.ए.आर. (इलेक्ट्रॉनिक डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आज यहां चंडीगढ़ के मैगसीपा में एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। यह सत्र भारत की सुप्रीम कोर्ट और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की हिदायतों के तहत और परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के दिशा निर्देश में एन.आई.सी. (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) और परिवहन विभाग, पंजाब द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में राज्य परिवहन आयुक्त जसप्रीत सिंह, अतिरिक्त राज्य परिवहन आयुक्त सुखविंदर कुमार, एन.आई.सी. पंजाब के स्टेट हेड विवेक वर्मा, एन.आई.सी. दिल्ली के सी.जी.एम. जतिंदर कुमार, एन.आई.सी. पंजाब के नरिंदर सिंह, एन.आई.सी. के अधिकारी पवन गुप्ता और जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ऑफ इंडिया की डिप्टी जनरल मैनेजर मैडम वसुंधरा, सड़क सुरक्षा से जुड़ी लीड एजेंसी के संयुक्त निदेशक श्री देश राज और डी.एस.पी. मुख्यालय श्री गणेश कुमार ने भाग लिया।
राज्य परिवहन आयुक्त जसप्रीत सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण सत्र के दौरान एन.आई.सी. के विशेषज्ञों द्वारा ई-डी.ए.आर. प्रणाली पर विस्तृत प्रस्तुति दी गई। इस दौरान अधिकारियों को ई-डी.ए.आर. प्रणाली की प्रभावी डेटा एंट्री प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया, जिससे हादसों की समयबद्ध और सुव्यवस्थित रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जा सके। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ऑफ इंडिया से मैडम वसुंधरा ने हिट एंड रन मामलों से निपटने की प्रक्रिया की भी जानकारी दी, जिससे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को समय पर वित्तीय मुआवजा प्रदान करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने आगे बताया कि ई-डी.ए.आर. प्रणाली वास्तविक समय में दुर्घटनाओं से जुड़े आंकड़े एकत्र करने में सक्षम बनाएगी, जिससे त्वरित प्रतिक्रिया में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि दावों की सुव्यवस्थित प्रक्रिया के माध्यम से पीड़ितों और उनके परिवारों को अधिक कुशलता से वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकेगी। इस पहल से दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को बिना किसी देरी के बेहतर चिकित्सा देखभाल उपलब्ध कराई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि डेटा-आधारित विश्लेषण अधिकारियों को पंजाब में सड़क हादसों की संख्या कम करने के लिए प्रभावी रोकथाम उपाय लागू करने में मदद करेगा।
उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान हादसों की वैज्ञानिक तरीके से जांच, दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज और दावों के निपटारे सहित महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य पंजाब में सड़क हादसों की अधिक कुशल और पारदर्शी रिपोर्टिंग और दावों के निपटारे से संबंधित प्रक्रियाओं को सुनिश्चित करना है।
इस सत्र में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया, जिनमें क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आर.टी.ओ.), मोटर वाहन निरीक्षक (एम.वी.आई.), पुलिस उपाधीक्षक (डी.एस.पी.), स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एन.एच.ए.आई.) के अधिकारी शामिल थे।