मुंबई की अदालत ने ममता के खिलाफ राष्ट्रगान का ‘सम्मान नहीं'' करने की शिकायत पर जांच का निर्देश दिया
punjabkesari.in Wednesday, Mar 29, 2023 - 10:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क : मुंबई पुलिस को यहां की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने बुधवार को निर्देश दिया कि वह वर्ष 2021 में मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान के प्रति कथित तौर पर असम्मान प्रदर्शित करने को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ की गई शिकायत पर जांच करे। बंबई उच्च न्यायालय की ओर से इस शिकायत पर बनर्जी को कोई राहत देने से इनकार किए जाने के घंटों बाद यह निर्देश आया। मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (सेवरी अदालत) पी आई मोकाशी ने दक्षिण मुंबई में कफ परेड थाने को मामले की जांच करने और 28 अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
भाजपा की मुंबई इकाई के पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता ने मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत की और आरोप लगाया कि दिसंबर, 2021 में यहां आयोजित कार्यक्रम में जब राष्ट्रगान बज रहा था तब बनर्जी खड़ी नहीं हुईं। गुप्ता ने बनर्जी पर राष्ट्रगान का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ ‘राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम' के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। इसके पहले दिन में बंबई उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अमित बोरकर ने बनर्जी की उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें सत्र अदालत के जनवरी, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी।
सत्र अदालत ने मामले को फिर से मजिस्ट्रेट की अदालत में भेजने का आदेश दिया था। बनर्जी ने अपनी अर्जी में कहा था कि सत्र अदालत (सांसद-विधायक के खिलाफ मामले के लिए विशेष अदालत) को समन को रद्द करने और मामले को मजिस्ट्रेट के पास भेजने के बजाय शिकायत को रद्द करना चाहिए था। सत्र अदालत ने कहा था कि मजिस्ट्रेट ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 200 और 202 का पालन नहीं किया।
इन धाराओं के तहत कोई मजिस्ट्रेट समन जारी किए जाने को स्थगित कर सकता है और खुद जांच कर सकता है या संबंधित पुलिस थाने को ऐसा करने का निर्देश दे सकता है। बनर्जी के वकील मजीद मेमन ने कहा कि इन धाराओं के तहत जांच कराए जाने से मुख्यमंत्री को अनावश्यक उत्पीड़न और शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, न्यायमूर्ति बोरकर ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 200 और 202 के तहत जांच कराने का उद्देश्य यह तय करना है कि मामले में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार है या नहीं।