Deport illegal Immigrants: डिपोर्ट किए गए भारतीयों का क्या होगा भविष्य? पंजाब में 38 ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ FIR दर्ज

punjabkesari.in Friday, Feb 07, 2025 - 08:50 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका से अवैध रूप से पहुंचे भारतीय प्रवासियों की एक बड़ी संख्या को डिपोर्ट किए जाने के बाद यह मामला गरमाता जा रहा है। अमेरिकी सरकार ने संकेत दिए हैं कि ऐसे और भी अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजा जाएगा। इस बीच, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में कहा कि भारत सरकार अमेरिका से संपर्क में है ताकि डिपोर्ट किए गए भारतीय नागरिकों के साथ सम्मानजनक व्यवहार हो और उनके साथ कोई दुर्व्यवहार न किया जाए।

डिपोर्ट किए गए भारतीयों का भविष्य क्या होगा?
वरिष्ठ अधिवक्ता और दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन के.के. मनन के अनुसार, अगर डिपोर्ट किए गए व्यक्ति के पास वैध भारतीय पासपोर्ट और सही दस्तावेज हैं, तो उन्हें भारत में किसी कानूनी कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, अगर किसी ने नकली पासपोर्ट या फर्जी कागजात के जरिए 'डंकी' रूट अपनाया था, तो उनके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम के तहत कार्रवाई हो सकती है।

पूर्व पंजाब एडवोकेट जनरल अतुल नंदा का मानना है कि इन प्रवासियों ने खुद नकली कागजात तैयार नहीं किए होंगे, क्योंकि इनमें से अधिकांश लोग कम पढ़े-लिखे और गरीब परिवारों से आते हैं। वहीं, अधिवक्ता कमलेश मिश्रा के अनुसार, जब तक ये लोग किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त नहीं पाए जाते या अमेरिका में किसी अपराध के दोषी नहीं होते, तब तक उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती।

क्या डिपोर्ट किए गए लोग दोबारा अमेरिका जा सकते हैं?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि जो लोग अवैध प्रवासी के रूप में डिपोर्ट किए गए हैं, उनके लिए दोबारा अमेरिका जाना बेहद मुश्किल होगा। अधिवक्ता नंदा के अनुसार, "जब भी कोई व्यक्ति वीज़ा के लिए आवेदन करता है, तो फॉर्म में पूछा जाता है कि क्या वह पहले कभी डिपोर्ट हुआ है। एक बार यह दर्ज हो गया कि किसी को अवैध रूप से रहने के कारण निकाला गया है, तो अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में वीज़ा मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है।"

अमेरिकी दूतावास की वेबसाइट के मुताबिक, "डिपोर्ट किए गए व्यक्ति को परिस्थितियों के आधार पर 5 से 10 साल तक अमेरिका में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलती। हालांकि, कुछ मामलों में अपील करने का विकल्प मौजूद होता है।"

अवैध ट्रैवल एजेंटों पर कार्रवाई की मांग
के.के. मनन ने कहा कि अब असली कार्रवाई उन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ होनी चाहिए, जिन्होंने इन लोगों को अवैध रूप से भेजने के लिए लाखों रुपये वसूले। पूर्व पंजाब एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने भी कहा कि सरकार को अब उन ट्रैवल एजेंसियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए जो झूठे सपने दिखाकर गरीब लोगों को अवैध रास्तों से विदेश भेजती हैं। पंजाब के दोआबा और ग्रामीण इलाकों में ट्रैवल एजेंट अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन में शानदार जीवन का सपना दिखाकर लोगों से मोटी रकम ऐंठते हैं और उन्हें अवैध मार्गों से भेजते हैं, जिससे वे अमानवीय परिस्थितियों में यात्रा करने को मजबूर हो जाते हैं।

'डंकी सिस्टम' पर सरकार की सख्ती
'डंकी सिस्टम' को लेकर संसद में भी सवाल उठाए गए हैं। 5 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया कि जब भी अवैध प्रवास या मानव तस्करी की शिकायतें मिलती हैं, तो उन्हें राज्य पुलिस को सौंपकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाती है। पंजाब सरकार ने इस संबंध में 'पंजाब मानव तस्करी रोकथाम अधिनियम, 2012' भी लागू किया है। इसके अलावा, गृह मंत्रालय (MHA) और राज्य पुलिस के सहयोग से अवैध भर्ती एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। सोशल मीडिया पर सक्रिय फर्जी भर्ती एजेंसियों को हटाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के संयुक्त अभियान में 38 अवैध ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

क्या इस बार कड़ा एक्शन होगा?
अब सवाल उठता है कि क्या सरकार इस मामले में बड़ी कार्रवाई करेगी। पंजाब में बीते 10 वर्षों में 'डंकी रूट' के जरिए हजारों लोग विदेश गए, लेकिन अब तक गिने-चुने एजेंटों के खिलाफ ही मुकदमे दर्ज हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि डिपोर्ट किए गए भारतीय प्रवासियों की सही जांच होनी चाहिए और अवैध ट्रैवल एजेंटों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ठगी का शिकार न हो।


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Content Writer

Anu Malhotra

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