दिल्ली जल संकट : केजरीवाल ने भाजपा से मांगी मदद, एलजी ने ''कुप्रबंधन'' को कारण बताया

punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 11:31 PM (IST)

नेशनल डेस्क : भीषण गर्मी के दौरान दिल्ली के कई इलाकों में जल संकट के बीच उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने इसके लिए शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के "कुप्रबंधन" को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि अपनी "अक्षमता" और "निष्क्रियता" के लिए दूसरों पर दोष मढ़ना इस सरकार की आदत बन गई है। सक्सेना ने एक वीडियो बयान में मिर्जा गालिब का 200 साल पुराना शेर "उमर भर गालिब यही भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा'' सुनाया और मौजूदा स्थिति के लिए अन्य राज्यों को दोषी ठहराने को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना की। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निवासी इस भीषण गर्मी में जल संकट की वजह से परेशान दिखे।

दिल्ली के कई इलाकों में टैंकरों से पानी भरने के लिए लोगों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली और कई इलाकों में तो लोगों को मूलभूत जरुरतों के लिए भी पानी नहीं मिल रहा। इस बीच, आप और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। दोनों ही पार्टियों ने राष्ट्रीय राजधानी में बिगड़ते हालात के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। दिल्ली में पानी की भारी कमी के बीच, जल मंत्री आतिशी ने भाजपा की अगुवाई वाली हरियाणा सरकार पर दिल्ली के हिस्से का पानी नहीं देने का आरोप लगाया।

वहीं, हरियाणा के कई मंत्रियों ने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए दिल्ली के जल संकट के लिए उसके "कुप्रबंधन" को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि हर मुद्दे पर हरियाणा को दोष देना आप सरकार की आदत बन गई है। दिल्ली में विपक्षी भाजपा ने आप सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि दिल्ली में पानी का संकट "प्राकृतिक नहीं", बल्कि अरविंद केजरीवाल सरकार के "भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन" के कारण पैदा हुआ है। दिल्ली सरकार ने भीषण गर्मी के दौरान जल संकट से जूझ रही राष्ट्रीय राजधानी को अधिक पानी की आपूर्ति करने के लिए हरियाणा को निर्देश देने का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।

दिल्ली सरकार ने हरियाणा को हिमाचल प्रदेश से मिलने वाले अतिरिक्त जल को राष्ट्रीय राजधानी को देने की मांग की है। दिल्ली की जल मंत्री आतिशी की ओर से दायर याचिका में केंद्र, भाजपा शासित हरियाणा और कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश को पक्षकार बनाया गया है। याचिका में कहा गया है कि पानी बुनियादी मानवाधिकारों में से एक है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को भाजपा से आग्रह किया कि वह हरियाणा और उत्तर प्रदेश की अपनी सरकारों से राष्ट्रीय राजधानी को एक महीने तक पानी उपलब्ध कराने के लिए कहे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राजनीति करने का समय नहीं है।

आतिशी ने भाजपा से "गंदी राजनीति" न करने और इसके बजाय हरियाणा और उत्तर प्रदेश की अपनी सरकारों से राष्ट्रीय राजधानी को अतिरिक्त पानी छोड़ने के लिए कहने की अपील की, जो जारी भीषण गर्मी के बीच गंभीर जल संकट से जूझ रही है। उन्होंने कहा, "दिल्ली भीषण गर्मी और पानी की कमी से जूझ रही है। भाजपा इस समय गंदी राजनीति कर रही है। मैं भाजपा से पूछना चाहती हूं कि जब संकट है, तो क्या यह राजनीति करने का समय है? क्या हमें एकसाथ नहीं आना चाहिए?" जल मंत्री ने कहा, "हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं। यह एकसाथ आने का समय है। यह दोनों राज्यों की अपनी सरकारों से दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने की अपील करने का समय है।" आतिशी ने बृहपतिवार को केंद्र को पत्र लिखकर राष्ट्रीय राजधानी के "अभूतपूर्व जल संकट" को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश या हरियाणा से अतिरिक्त पानी छोड़ने का प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए कहा था।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को लिखे पत्र में आतिशी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में वजीराबाद बैराज के जल स्तर में भारी गिरावट आई है, क्योंकि हरियाणा यमुना में आवश्यक मात्रा में पानी नहीं छोड़ रहा है। बाद में उपराज्यपाल सक्सेना ने एक वीडियो बयान जारी करके जल संकट के लिए आप सरकार के "कुप्रबंधन" की आलोचना की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि "पिछले 10 वर्षों में दिल्ली सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद, पुरानी पाइपलाइनों की न तो मरम्मत की जा सकी और न ही उन्हें बदला जा सका।" आप सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। उन्होंने कहा, "पिछले कुछ दिनों से दिल्ली सरकार का बेहद गैरजिम्मेदाराना रवैया देखने को मिल रहा है। आज दिल्ली में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा अपनी जान जोखिम में डालकर एक बाल्टी पानी के लिए टैंकरों के पीछे भागते नजर आ रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि देश की राजधानी में ऐसे दृश्य देखने को मिलेंगे लेकिन, सरकार अपनी विफलताओं का ठीकरा दूसरे राज्यों पर फोड़ रही है।" उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में लोग खाली बाल्टियां लेकर पानी के टैंकरों की ओर भागते नजर आ रहे हैं, यहां तक ​​कि कुछ लोग तो कतार में लगकर ऊपर तक जाकर अपना बर्तन भर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मुझे यह कहते हुए खेद है कि पिछले 10 वर्षों में अपनी अक्षमता, अकर्मण्यता और अक्षमता को छिपाने के लिए दिल्ली सरकार की आदत बन गई है कि वह अपनी हर विफलता के लिए दूसरों को दोषी ठहराती है और अपनी जिम्मेदारियों से बचती है तथा सोशल मीडिया, संवाददाता सम्मेलन और अदालत में मुकदमें दायर करके जनता को गुमराह करती रहती है। सक्सेना ने कहा, "दिल्ली में पानी की यह कमी पूरी तरह से सरकार के कुप्रबंधन का नतीजा है।"


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News Editor

Parveen Kumar

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