शर्मनाक सौदा! पति ने दोस्त-देवर संग रचा शर्मनाक प्लान, कराता था पत्नी की अदला-बदली, होटल के कमरे में...
punjabkesari.in Wednesday, Jun 11, 2025 - 11:29 AM (IST)

नेशनल डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहाँ एक महिला ने अपने पति पर शारीरिक हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और जबरन 'वाइफ स्वैपिंग' (पत्नियों की अदला-बदली) के लिए मजबूर करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। यह मामला तब सामने आया जब पीड़िता सीमा ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। अब दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपी पति निकुंज कुमार की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है इसे सामान्य वैवाहिक विवाद मानने से इनकार किया है।
छोटी बातों से शुरू हुई हिंसा
सीमा जो दो बच्चों की माँ और एक गृहिणी हैं की शादी दिल्ली के ही एक निजी कंपनी में काम करने वाले युवक से हुई थी। सीमा ने बताया कि शुरुआत में सब ठीक था लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद ही पति का असली चेहरा सामने आने लगा। पहले पति हर छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा करने लगा और फिर उस पर हाथ उठाना शुरू कर दिया।
सीमा ने बताया कि एक दिन उसके पति ने ब्लेड से उसके हाथ काट दिए और धमकाया कि अब रसोई में खाना बनाओ लेकिन उसका दुख केवल शारीरिक हिंसा तक ही सीमित नहीं था। मानसिक प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न की हदें तब पार हो गईं जब पति ने उसे जबरन वाइफ स्वैपिंग के लिए मजबूर करना शुरू किया।
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फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट और यौन उत्पीड़न
सीमा ने आरोप लगाया कि उसका पति उसे एक होटल ले गया और अपने दोस्तों से मिलवाया। वहाँ उन्होंने सीमा को गलत तरीके से छूने की कोशिश की लेकिन किसी तरह सीमा वहाँ से भाग निकली लेकिन यह सब खत्म नहीं हुआ था। सीमा ने आगे बताया कि उसके पति ने उसका फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट बनाकर उस पर उसकी तस्वीरें पोस्ट कीं। और उन्हें इस तरह पेश किया मानो वह पैसे लेकर किसी के साथ संबंध बनाना चाहती हो।
जब सीमा ने अपने पति से उसके भाई द्वारा की जा रही छेड़छाड़ की शिकायत की तो उसने यह कहकर टाल दिया कि इन बातों को नजरअंदाज करो। सीमा ने बताया कि निकुंज के भाई और उसके दोस्तों ने लगातार उसका यौन उत्पीड़न किया।
हाईकोर्ट ने कहा: यह सामान्य वैवाहिक विवाद नहीं
आखिरकार जब सहने की हद पार हो गई तो सीमा ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई। शुरुआत में निकुंज के खिलाफ केवल दहेज उत्पीड़न की धाराओं में मामला दर्ज हुआ लेकिन बाद में सीमा ने 164 CrPC के तहत दिए गए बयान में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के आरोप भी लगाए जिसके बाद पुलिस ने इन धाराओं को भी मामले में शामिल किया।
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निकुंज ने अदालत में खुद को निर्दोष बताते हुए दावा किया कि यह सब एक वैवाहिक विवाद का नतीजा है और उसे जमानत मिलनी चाहिए। हालांकि जब निकुंज फिर भी नहीं सुधरा और उसने नया सिम कार्ड लेकर एक फर्जी नाम से सीमा से संपर्क करने की कोशिश की तो अदालत का रुख सख्त हो गया।
दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गिरीश कथपालिया ने निकुंज कुमार की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा यह मामला किसी सामान्य वैवाहिक विवाद जैसा नहीं है। महिला ने जिन आरोपों को उठाया है वे उसकी गरिमा को गंभीर रूप से ठेस पहुंचाने वाले हैं। आरोपी को जमानत पर रिहा करना पीड़िता की सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में अदालत को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए खासकर तब जब पीड़िता पहले से ही उत्पीड़न, मानसिक आघात और सामाजिक बदनामी से गुजर रही हो।