Delhi की तुगलक लेन का बदला नाम, सरकारी आवासों पर नई नेम प्लेटों में लिखा गया ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’

punjabkesari.in Friday, Mar 07, 2025 - 09:16 AM (IST)

नेशनल डेस्क। राजधानी दिल्ली में मुगलकालीन नाम वाले मार्गों को बदलने की मांग लंबे समय से की जा रही है। अब यह बदलाव सरकारी आवासों की नेम प्लेटों पर भी दिखने लगा है। तुगलक लेन इसका ताजा उदाहरण है जहां नेताओं और अधिकारियों के घरों पर नई नेम प्लेटें लगाई जा रही हैं। इन नई नेम प्लेटों पर प्रमुख रूप से ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखा जा रहा है जबकि नीचे छोटे अक्षरों में ‘तुगलक लेन’ अंकित किया गया है।

कौन-कौन से घरों पर बदली गई नेम प्लेट?

अब तक राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा, फरीदाबाद से सांसद कृष्ण पाल गुर्जर और वाइस एडमिरल किरण देशमुख के सरकारी आवासों पर नई नेम प्लेट लगाई जा चुकी हैं।

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क्या सभी घरों पर बदला गया नाम?

अभी तक सभी आवासों की नेम प्लेट नहीं बदली गई हैं। कई घरों पर अब भी पुरानी नेम प्लेटें लगी हुई हैं जिन पर ‘तुगलक लेन’ ही लिखा हुआ है। हालांकि नए सरकारी आवासों की नेम प्लेटों पर अब सिर्फ ‘स्वामी विवेकानंद मार्ग’ लिखा जा रहा है।

नाम बदलने की क्यों उठी मांग?

दिल्ली में मुगलकालीन नामों वाले मार्गों को बदलने की मांग पहले भी उठी है। इससे पहले भी कई सड़कों के नाम बदले गए थे जैसे:

➤ औरंगजेब रोड → डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम रोड
➤ हुमायूं रोड का एक हिस्सा → डालमिया मार्ग
➤ अकबर रोड का नाम बदलने की भी मांग उठ चुकी है

अब तुगलक लेन का नाम बदलने की पहल इसी प्रक्रिया का हिस्सा मानी जा रही है।

 

 

 

सांसद डॉ. दिनेश शर्मा का बयान

सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा, "यह सिर्फ मैंने नहीं किया बल्कि पहले भी लोगों ने ऐसा किया है। मोहम्मद बिन तुगलक एक ऐसा शासक था जो अपने अजीब फैसलों के लिए जाना जाता है। हमे धर्म के आधार पर नहीं बल्कि कर्म के आधार पर बदलाव पर विचार करना चाहिए।"

सरकार ने कोई आधिकारिक घोषणा की?

अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन सरकारी आवासों की नेम प्लेटों पर हो रहे इस बदलाव से संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही इस सड़क का नाम आधिकारिक रूप से बदला जा सकता है। अगर यह प्रक्रिया जारी रही तो दिल्ली में और भी कई स्थानों के नाम बदले जा सकते हैं।

आगे क्या होगा?

फिलहाल तुगलक लेन में नई नेम प्लेटें लगाई जा रही हैं जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि नाम परिवर्तन की दिशा में यह एक बड़ा कदम हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस पर कोई आधिकारिक फैसला लेती है या नहीं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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