फूल रहा दिल्ली का दम: अब भी सुलग रही भलस्वा लैंडफिल साइट, धुएं से आसपास के लोगों का जीना दुश्वार, जल रहीं आंखें

punjabkesari.in Sunday, May 01, 2022 - 05:46 PM (IST)

नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट पर पिछले छह दिनों से लगी आग ने आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन और आजीविका को अस्त-व्यस्त कर दिया है। करीब 17 मंजिला ऊंचे कूड़ाघर के आसपास रहने वाले ज्यादातर लोग कबाड़ कारोबारी हैं। एक ओर, जहां उनमें से कई अपनी दैनिक मजदूरी कमाने के लिए आग के बीच अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, वहीं कई अन्य काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे धुएं के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं। मंगलवार की शाम यहां पर भीषण आग लग गई थी। कई वीडियो में आग की ऊंची-ऊंची लपटें और घना धुआं दिखाई दिया है। कबाड़ कारोबारी मसूदा बीबी (45) ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि जब से आग लगी है, वे रात को सो नहीं पाई हैं।

मसूदा ने कहा, ''आग लगने के बाद से हमें नींद नहीं आ रही है। हमें एक रिश्तेदार से अनुरोध करना पड़ा कि हमें अपने घर में ठहरने दें। कूड़ेघर का धुआं घर में घुस रहा है। मैं किसी तरह चेहरा ढंककर खाना बना रही हूं।'' उन्होंने कहा कि वे आग के कारण अपना काम एक दिन के लिए भी नहीं रोक सकते क्योंकि वे उसी से अपनी रोजी रोटी कमाते हैं। एक अन्य कबाड़ कारोबारी फिरोज शेख (48) ने कहा कि आग लगने के बाद खासकर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मजदूरों की संख्या कम हो गई है । उन्होंने कहा, ''जिस दिन से आग लगी है, मेरी आंखों में बहुत जलन हो रही है। पिछले कुछ दिन मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरे रहे हैं। पंखा चलाकर भी कोई राहत नहीं है।''

फिरोज ने कहा, ''आग लगने के बाद मजदूरों की संख्या भी कम हो गई है। लेकिन, जो अकेले हैं और उनका परिवार यहां नहीं है, उन्हें वापस आना होगा और आग के बावजूद काम करना पड़ेगा।'' भलस्वा के एक अन्य 22 वर्षीय कबाड़ कारोबारी मानव ने कहा कि पिछले साल कूड़ेघर का एक हिस्सा गिरने की घटना में उसके एक दोस्त की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, ''पिछले साल कूड़े के अंबार का एक हिस्सा गिरने के कारण मेरे एक दोस्त की मौत हो गई थी। मैं कबाड़ का काम करता हूं। यहां काम शुरू करने के बाद मुझे त्वचा की एलर्जी हो गई है। यह हर साल गर्मियों के दौरान होता है और इसलिए, काम करना मुश्किल हो जाता है।''

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने भलस्वा लैंडफिल में आग रोकने में लापरवाही बरतने और उचित कदम नहीं उठाने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी शहर के लैंडफिल स्थलों पर लगातार आग लगने के लिए नगर निगम में ''भ्रष्टाचार'' को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा शासित नगर निकायों को कचरे के अंबार को साफ करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करना चाहिए।

भलस्वा लैंडफिल साइट के पास रहने वाले कूड़ा बीनने वालों के बच्चों के, बाल संसाधन केंद्र ज्ञान सरोवर स्कूल को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है क्योंकि क्षेत्र में घने धुएं का गुबार है। इस साल पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने की तीन घटनाएं हुई हैं, जिसमें 28 मार्च की एक घटना भी शामिल है, जिसे 50 घंटे से अधिक समय के बाद बुझाया गया था। लैंडफिल में फेंका गया गीला कचरा सड़ने पर मीथेन पैदा करता है। गर्म मौसम की स्थिति में, मीथेन खुद ही आग पकड़ लेती है, जिससे इस तरह की घटनाएं होती हैं।


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Content Writer

Yaspal

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