दिल्ली सरकार का ऐतिहासिक कदम: प्रदूषण रोकने के लिए ऊंची इमारतों पर ''एंटी-स्मॉग गन'' लगाना किया अनिवार्य
punjabkesari.in Saturday, May 31, 2025 - 01:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ा और कड़ा नियम लागू किया है। अब दिल्ली की ऊंची इमारतों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। यह पूरे देश में अपनी तरह का पहला कदम है, जहाँ किसी शहर ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी-स्मॉग गन को कानूनी रूप से अनिवार्य बनाया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस कदम को "हमारे बच्चों की शुद्ध साँसों के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम" बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि "अब बहानों की कोई जगह नहीं है।"
पर्यावरण मंत्री ने जारी किए सख्त आदेश-
पर्यावरण विभाग ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिए हैं। इन आदेशों के अनुसार, दिल्ली में 3,000 वर्ग मीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र वाले कॉम्प्लेक्स, मॉल, होटल, संस्थागत और कार्यालय भवनों के लिए एंटी-स्मॉग गन लगाना ज़रूरी होगा। यह नियम उन सभी इमारतों पर लागू होगा जो ग्राउंड फ्लोर को मिलाकर पाँच मंजिला (G+5) या उससे अधिक ऊंचाई वाली हैं। सरकार ने इस नियम में आवासीय भवनों, समूह आवास समितियों और व्यक्तिगत आवासीय भवनों को छूट दी है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह निर्देश पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के तहत जारी किया है। आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संबंधित इमारतों को आगामी छह महीने के भीतर एंटी-स्मॉग गन लगानी होंगी। साथ ही, मानसून को छोड़कर पूरे साल इनका उपयोग अनिवार्य होगा (यानी 15 जून से 1 अक्टूबर तक छोड़कर)। सिरसा ने कहा, "दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण अब केवल मौसमी सलाह नहीं रहेगा। हम पहली बार कानूनी स्पष्टता के साथ प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम कर रहे हैं। यह जवाबदेही का समय है। अब हम आधे-अधूरे उपायों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।"
अक्टूबर से जनवरी तक बढ़ता है प्रदूषण-
यह महत्वपूर्ण कदम हर साल अक्टूबर से जनवरी के दौरान दिल्ली में देखी गई वायु गुणवत्ता में खतरनाक गिरावट को देखते हुए उठाया गया है। इन महीनों में शहर ने लंबे समय तक 'बहुत खराब' से लेकर 'गंभीर' वायु गुणवत्ता का सामना किया है। दिल्ली की हवा में PM2.5 और PM10 जैसे महीन कणों की मात्रा इसी अवधि में बढ़ जाती है। इसी समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रभावी कार्रवाई के तहत यह निर्णय लिया है।
लागू करने की जिम्मेदारी सिविक विभागों पर-
इस अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी दिल्ली के प्रमुख सिविक विभागों को सौंपी गई है, जिनमें MCD, DDA, PWD, CPWD, NBCC, DSIIDC, DUSIB और अन्य निर्माण स्वीकृति तथा भूमि स्वामित्व वाली एजेंसियां शामिल हैं। यह कदम दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक निर्णायक और महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।