नई आबकारी नीति पर बैकफुट पर दिल्ली सरकार, जानिए क्या थी नई शराब पॉलिसी...कितना था रेवेन्यू टॉरगेट
punjabkesari.in Sunday, Jul 31, 2022 - 03:26 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को फिलहाल वापस लेने का फैसला किया है और सरकार द्वारा संचालित दुकानों के जरिये शराब की बिक्री किए जाने का निर्देश दिया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को यह जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास आबकारी विभाग भी है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दिल्ली के मुख्य सचिव को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि शराब अब केवल सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची जाए और कोई अराजकता न हो।
नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली में इस समय करीब 468 शराब की दुकानें संचालित हैं। इस नीति की अवधि को 30 अप्रैल के बाद दो बार दो-दो महीने के लिए बढ़ाया गया था। यह अवधि 31 जुलाई को समाप्त होगी। शहर में संचालित शराब की 468 निजी दुकानें 31 जुलाई को लाइसेंस की अवधि और नयी आबकारी नीति समाप्त होने के बाद एक अगस्त से बंद हो जाएंगी।
9,500 करोड़ रुपए राजस्व का था लक्ष्य
सिसोदिया ने कहा कि पुरानी आबकारी नीति में कई सरकारी शराब की दुकानें थीं और ऐसी दुकानों में ‘‘भारी भ्रष्टाचार'' हुआ करता था, लेकिन नई आबकारी नीति के जरिए इसे रोका गया था। उन्होंने कहा कि नई आबकारी नीति में खुली निविदाओं के माध्यम से पारदर्शी तरीके से लाइसेंस जारी किये गये हैं। सिसोदिया ने कहा, ‘‘पुरानी व्यवस्था के तहत, सरकार को 6,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता था, जबकि नई आबकारी नीति के माध्यम से सरकार ने पूरे वर्ष में 9,500 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था।' वहीं दिल्ली सरकार के एक सूत्र द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार, आबकारी विभाग ने दिसंबर 2021 और मार्च 2022 के बीच 600.63 करोड़ रुपये, अप्रैल और मई में 528.29 करोड़ रुपए, जून में 442.40 करोड़ रुपए और जुलाई में 421.82 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र किया।
नई आबकारी नीति में क्या
- निगमों से शराब की बिक्री वापस लेकर पूर्णत: निजी हाथों में सौंप दी गई
- शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल की
- दुकान को कम से कम 500 वर्ग मीटर, सीसीटीवी से लैस करने के निर्देश
- तीन दिन ही ड्राई डे यानि दुकानें साल में 3 दिन बंद करने की अनुमति थी
- पिंक बूथ खोलने की अनुमति दी, ताकि महिलाएं भी शराब पी सकें और खुद खरीद सकें
- रेस्तरां व बार को शराब बिक्री केंद्र से ही शराब खरीदने की अनुमति
- बार, क्लब्स और रेस्तरां को रात 3 बजे तक दुकान खोलने की छूट थी
- शराब बिक्री केंद्र को MRP पर छूट देने की अनुमति थी