दिल्ली अग्निकांड: पहले एक मकान था, दो फ्लोर अवैध बनाकर खोल दी मौत की फैक्ट्री

punjabkesari.in Wednesday, Dec 11, 2019 - 11:38 AM (IST)

नई दिल्ली: मंगलवार सुबह करीब 11:00 बजे क्राइम ब्रांच की टीम पूरे लाव-लश्कर के साथ दोबारा पहुंची घटना स्थल पर पहुंची। इस बिल्डिंग के हरेक फ्लोर पर एक जैसा नक्शा है। ग्राउंड फ्लोर को गोदाम के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां भारी मात्रा में गत्ते व अन्य सामान रखा हुआ है, जबकि ऊपर की हर मंजिल पर बाएं हाथ की तरफ दो बड़े हॉल बने हुए हैं। बीच में करीब 100 गज का कॉरिडोर है और दाएं ओर तीन बड़े कमरे हैं। आखिर में यहां काम करने वाले लोगों के लिए छह टॉयलेट भी बनाए गए हैं। 


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पुलिस ने फुरकान से मौके पर सभी किराएदारों के बारे में जानकारी जुटायी। किसे कौन सी जगह किराए पर दे रखी थी, यह सब पता लगाया। पुलिस ने कहा मौके पर मिले सभी मोबाइल फोन बंद हैं। इन नंबरों की कॉल डिटेल निकाल उनसे सम्बंधित जानकारी हासिल की जाएगी। इस केस में निश्चित तौर पर गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ेगी। वे सभी किराएदार कार्रवाई के दायरे में आएगें, जिनके हिस्से में आग लगी और उसकी वजह से वहां रहने वाले लोगों की मौत हुई। रिहान का विशेष रुप से काम शीशे के फ्रेम बनाने का था। इसके बदले उसे 1 लाख से ज्यादा का किराया आ रहा था।


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क्राइम ब्रांच को साक्ष्य जुटाने में काफी दिक्कतें 
घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य जमा करने के लिए एजेंसी द्वारा पूरे घटनास्थल की दोबारा वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जा रही है। जिसके बाद तकनीकी का प्रयोग कर घटनास्थल से महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किए जाएंगे। इसके लिए मंगलवार को तकनीकी विशेषज्ञों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और पूरे घटनास्थल की जांच की। एक अफसर ने बताया कि ऐसे मामले जहां साक्ष्य के नष्ट होने की आशंका रहती है वह तकनीकी का प्रयोग कर साक्ष्य जुटाए जाते है।  इससे पहले अर्पित होटल में हुई अगलगी की घटना की भी वीडियोग्राफी कराई गई थी। ताकि मौके से साक्ष्य जुटाए जा सके और यहां भी इसी तकनीकी का प्रयोग किया जा रहा है ताकि मौके से महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए जा सके। क्योंकि घटनास्थल से आग लगी के कारण क्राइम ब्रांच को साक्ष्य जुटाने में काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। 


अवैध फैक्ट्रियों में सन्नाटा 
अनाज मंडी में लगी आग के बाद पुलिस की तेजी के चलते दिल्ली की अधिकांश फैक्ट्रियों में ताला लग गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लगातार पाई गई लापरवाहियों पर पुलिस आयुक्त ने सभी थानाध्यक्षों को अपने अपने इलाको में ऐसी अवैध फैक्ट्री की जांच के लिए कहा है। यही नहीं अगर उनके इलाके में इस तरह की गतिविधि पाई जा रही है तो सीधे उस पर ताला लगाए और  संबंधित सरकारी एजेंसी को इसकी सूचना देकर उस पर स्पष्टीकरण ले। पुलिस के इस रवैय के चलते कई इलाकों में हजारों की संख्या में फैक्ट्रियों पर ताला लग गया है। 

 

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इन इलाकों में सबसे ज्यादा अवैध फैक्ट्रियां...
स्थानीय लोगों की मानें तो फैक्ट्री में ज्यादातर रात में काम होता है। तड़के चार बजे तक काम करने के बाद सभी मजदूर इन्हीं फैक्ट्रियों में सो जाते हैं। जबकि मजदूर इन्हीं फैक्ट्रियों में खाना खाते हैं। रात के समय में सभी मजदूरों को इमारत के अंदर जाने के बाद उसे बाहर से बंद कर दिया जाता है। यहां तक कि छत पर जाने के रास्ते को भी बंद कर दिया जाता है। हालांकि नाबालिग कामगार खुद को बालिग, यहां तक कि वह खुद को शादीशुदा भी बताते हैं। हाल में ही घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित एक फैक्ट्रर पर क्षेत्रीय एसडीएम ने छापा मारकर वहां से करीब 70 नाबालिग कामगारों को मुक्त कराया था। 


ये है तफ्तीश

  • 1 तीन दिनों तक लगातार थ्री डी-मैंपिग कराई जाएगी।
  • 2 एमसीडी से बिल्डिंग का नक्शा मांगा गया है,जोकि सबूत मना जाएगा। 
  • 3 पंद्रह जगहों पर देर रात तक क्राइम ब्रांच की छापेमारी की गई,जिन्होंने बिल्डिंग में फैक्ट्री के लिए कमरे किराये पर लिए हुए थे।
  • 4 600 गज की पूरी बिल्डिंग में एक ही 3 फीट चौड़ा जीना था आने-जाने के लिए। 
  • 5 ग्राउंड फ्लोर पर कई जगह तारें खुली व नंगी पड़ी मिली,जबकि 3 फेज क्रमशल मीटर लगा हुआ था।
  • 6 हादसे से पूर्व 15 घरों में चल रही थी लगभग 150 मिनी फैक्ट्रियां,इन लोगों के खिलाफ की कार्रवाई की जाएगी।
  • 7 तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने एक डीवीआर, तीन डायरी,बिजली के उपकरण और कुछ दस्तावेजों को कब्जे में लिया। 

 

 



 

 


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Edited By

Anil dev

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