Devendra Yadav Exclusive Interview: दिल्ली की जनता इस बार कांग्रेस के साथ

punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 03:02 PM (IST)

Delhi Assembly Election 2025 :  दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व समयपुर बादली विधानसभा प्रत्याशी देवेंद्र यादव ( Devendra Yadav)  से पंजाब केसरी / नवोदय टाइम्स के लिए वाजिद अली ने की विशेष बातचीत। 
पेश हैं विशेष साक्षात्कार के मुख्य अंश...

 

सवाल-  आप दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और बादली सीट से प्रत्याशी भी, विधायक भी रहे हैं। कैसी तैयारी चल रही है आपकी?

जबाव-  तैयारी अच्छी है और लोगों का बड़ा समर्थन भी मिल रहा है। विशेष रूप से महिलाएं हों या युवा-बुजुर्ग, सभी का सहयोग और समर्थन भरपूर मिल रहा है। कहीं ना कहीं पिछले दस सालों की जो नाकामियां रहीं और हमारा पंद्रह साल का काम रहा, लोग आज उन चीजों की तुलना कर रहे हैं। यह बड़ा कारण है कि लोग बड़ी तादाद में और बड़े उत्साह के साथ हमें समर्थन दे रहे हैं और साथ भी। अगर मैं बादली की बात करूं तो बादली में आज जनता खुद चुनाव लड़ रही है। कहीं ना कहीं लोगों को शीला दी​​क्षित के कार्य याद आ रहे हैं। चाहे वह मेट्रो हो, फ्लाईओवर हो, सीएनजी हो, एलपीजी सिलेंडर देने की बात हो, पर्यावरण को ठीक करना हो, सिग्नेचर ब्रिज को शुरू करना हो, आज लोग कांग्रेस के पंद्रह साल को याद भी कर रहे हैं और दस साल से कहीं ना कहीं दुखी भी नजर आ रहे हैं। इसका बड़ा कारण है कि आज जनता कांग्रेस के समर्थन में नजर आ रही है।

सवाल-  आप वहां से विधायक रहे हैं, 2013 के बाद चुनाव हार गए। क्षेत्र में जो आपने काम किए थे, अब आरोप है कि अब वहां पिछले दस साल से काम नहीं हुए हैं?

जबाव-  मुझे खुशी थी कि पहली बार जब मैं विधायक बना तो मेट्रो लाइन अपने विधानसभा क्षेत्र तक ले जा पाए। आज वह मेट्रो आगे जानी थी, एक इंच आगे नहीं बढ़ी। अंडरब्रिज  थे, रेलवे अंडरब्रिज तीन थे। मैंने अपने कार्यकाल में दो तैयार कर दिए, तीसरा आज तक वैसा ही पड़ा है। स्टेडियम हमने बनाया, आज उसकी हालत बदतर है। जितने पार्क  बनाए, उनकी हालत भी बदतर है। आज सड़क, नाली, खड़ंजा और पानी की व्यवस्था चरमरा चुकी है। बुजुर्ग परेशान हैं, उनको पेंशन  नहीं मिलती। एक साधारण परिवार जिसको राशन की जरूरत है, उसके राशन  कार्ड नहीं बन रहे। हमने सीवेज लाइन  की बिछाई। आज दस साल बाद दुख इस बात का है कि वह चालू  नहीं हो पाई। हमने सपना देखा था, वह टूटता नजर आता है। आज जिस तरीके के हालात पूरे विधानसभा क्षेत्र में हैं, कहीं विकास नजर नहीं आता, बारातघर बनाए थे, स्कूल बनाए थे, कम्युनिटी सेंटर्स बनाने का काम किया। लेकिन इसी से हमें स्ट्रेंथ भी मिलती है कि आने वाले समय में इन समस्याओं का हम समाधान कर पाएंगे।

सवाल-  कांग्रेस से कुछ लोग पार्टी छोड़कर भी गए थे या वह दूसरे चुनाव चिन्ह पर चुनाव  लड़ रहे हैं। उनके बारे में क्या कहेंगे?

जबाव-  जो लोग सत्ता के लालची होते हैं, वह अक्सर ऐसा करते रहते हैं। उसमें चाहे लवली हों, वे पहले भी बीजेपी  में चले गए थे फिर कांग्रेस में आ गए, फिर बीजेपी में चले गए। मतीन अहमद हैं, अच्छे इंसान हैं, लेकिन लगातार सत्ता में रहने के लिए चेंज करते रहते हैं। राजकुमार चौहान भी पहले बीजेपी में चले गए फिर वापस आ गए, फिर चले गए। तो यह तो वह लोग हैं, जिनके आने-जाने से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मुझे खुशी इस बात की है कि आप लोग चर्चा करते हैं उन लोगों की, जो अक्सर यह करते रहते हैं। लेकिन कांग्रेस को मजबूत करने के लिए भी मौजूदा विधायक चाहे सीलमपुर के हों, चाहे पूर्व विधायक राजेन्द्र गौतम हों, जो दलितों की आवाज मजबूती के साथ उठाने का काम करते हैं या पूर्व एमएलए सीलमपुर के हों या पूर्व एमएलए मुंडका के हों। बहुत सारे ऐसे साथी कांग्रेस से जुड़े हैं जिनके ऊपर दाग नहीं था। जिनको सिर्फ सत्ता चाहिए थी, वह जरूर ऐसे समय में पार्टी छोड़कर जाते हैं। मुझे अपने संगठन पर विश्वास है।

सवाल-  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की इंट्री हो गई है। देश के प्रधानमंत्री भी रैली करने वाले हैं?

जबाव-  भारतीय जनता पार्टी सिर्फ और सिर्फ देश को और दिल्ली को अब टारगेट करके उसको विभिन्न टुकड़ों में बांटने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस यह होने नहीं देगी और हमेशा से विकास के ऊपर बराबरी सब समाज को मिले, उस बात को लेकर हम लड़ाई लड़ते रहेंगे और आगे भी इसी तरीके से लड़ेंगे। लोग देख रहे हैं, समझ रहे हैं, दिल्ली की जनता समझती है  वह कहीं ना कहीं विकास को चुनेगी। वह जानते हैं कि दिल्ली का विकास राहुल गांधी, खरगे जी के नेतृत्व में ही होगा। जनता इस बार कांग्रेस को ही अपना वोट देगी।

सवाल-   संदीप दीक्षित चुनाव लड़ रहे हैं। वह शीला दीक्षित के बेटे हैं और उधर से अलका लांबा लड़ रही हैं आतिशी के ​खिलाफ तो उनकी स्थिति क्या रहेगी? क्या लगता है ?

जबाव-  देखिए यह बात तो तय है जिस दिन संदीप दीक्षित के टिकट की घोषणा हुई। उसी दिन केजरीवाल  को परेशानी शुरू हो गई थी। बीजेपी के प्रत्याशी  हैं, उनकी भी स्थिति डांवाडोल है और मुझे पूरा भरोसा है कि लोग शीला दीक्षित के सम्मान के लिए और संदीप दीक्षित पर विश्वास करते हुए उनको वोट देंगे और बहुत कम समय मिला अलका लांबा को, लेकिन उन्होंने भी कालकाजी में लोगों तक पहुंचने की पूरी कोशिश की है। कालकाजी में दिल्ली न्याय यात्रा के दौरान भी मैं गया। कालकाजी, वही क्षेत्र है जहां सुभाष चोपड़ा ने कहा था कि जो जहां है वहीं मकान का सपना कांग्रेस ने देखा है। लेकिन इसका झूठा प्रचार भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी करती है। कांग्रेस ने सिर्फ सपना नहीं देखा बल्कि लोगों के मकान बनाने के लिए काम भी किया। मुझे पूरा विश्वास है लोग एक मजबूत नेतृत्व को जिसको मैं अलका लांबा में देखता हूं, लोग उनको चुनेंगे और निश्चित ही जहां यह दो सीट हम जीतेंगे वहीं दिल्ली में भी एक मजबूत सरकार बनाने में कामयाब होंगे।

 सवाल-  आम आदमी पार्टी आरोप लगा रही है कि कांग्रेस बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है?

जबाव-  मैंने बताया ना जब सत्ता जाती दिख रही है तो इस तरीके के ऊल-जुलूल बयान केजरीवाल दे रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं जहां-जहां पर वोट का विभाजन  करना होता है। केजरीवाल ने चाहे गोवा हो, महाराष्ट्र हो, गुजरात हो और हाल ही की बात करें तो  सिर्फ 6 प्रतिशत वोट लेकर हरियाणा में चुनाव मैदान में आप ने ताल ठोंक दी। तो आप किसको फायदा पहुंचा रहे हैं? वहां पर जहां-जहां यह गए हैं, वहां पर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का काम किया है। तो कहीं ना कहीं यह एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, आरएसएस से गाइडेड लगते हैं, जिस तरीके की नीति आज मैं देखता हूं, कल  की बात करूं तो गुरु नगरी अमृतसर में बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के साथ जो हरकत हुई है वह कहीं ना कहीं आम आदमी पार्टी को एक्सपोज करती है। उनकी जो दलित विरोधी और अल्पसंख्यक, पिछड़ों के ​खिलाफ राजनीति है, वहीं आरएसएस की सोच है। उसी के अनुरूप कहीं ना कहीं आम आदमी पार्टी भी चलती नजर आती है।

 


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Content Editor

Jyotsna Rawat

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