रक्षा मंत्री ने SIDM कार्यक्रम में भारतीय रक्षा उत्पादन की तारीफ की, बताया कैसे भारत फिर ''सोने की चिड़िया'' बनेगा
punjabkesari.in Monday, Oct 27, 2025 - 01:46 PM (IST)
नेशनल डेस्क : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को दिल्ली में SOCIETY OF INDIAN DEFENCE MANUFACTURES (SIDM) के एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य पर महत्वपूर्ण बातें कहीं।
'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र करते हुए दिया बयान-
राजनाथ सिंह ने हाल ही में हुए पहलगाम हमले और उसके बाद भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' का ज़िक्र करते हुए एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद स्थितियाँ कुछ ऐसी बनी थीं कि युद्ध हमारे दरवाजे पर भी दस्तक दे रहा था।
उन्होंने वैश्विक हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "आज दुनिया में शांति और स्थिरता को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। इसलिए उस uncertainty (अनिश्चितता) को ध्यान में रखते हुए हमें हर domain (क्षेत्र) को सावधानी से एनालाइज़ करते हुए अपने कदम उठाने होंगे।" उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भारतीय सेनाएं किसी भी स्थिति में सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
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#WATCH | Delhi | Speaking at the SIDM Annual Session-2025, Defence Minister Rajnath Singh says,"...We all witnessed how the Akash missile system, BrahMos, AkashTeer Air Defence Control System, and many other types of indigenous equipment and platforms demonstrated their prowess… pic.twitter.com/1rDy0HJZd2
— ANI (@ANI) October 27, 2025
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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का श्रेय
रक्षा मंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता का श्रेय सिर्फ सैनिकों को ही नहीं, बल्कि पीछे रहकर काम करने वाले सभी लोगों को दिया। उन्होंने SIDM सदस्यों को 'industry warriors' बताते हुए कहा कि इनोवेशन, डिज़ाइन और अथक प्रयास के साथ काम करने वाले ये लोग भी जीत के उतने ही हकदार हैं।
इसलिए था भारत सोने की चिड़िया
रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता का विचार उनकी सरकार के लिए केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह भारत की पुरानी परंपरा का आधुनिक रूप है। उन्होंने इतिहास का ज़िक्र करते हुए कहा, "भारत सोने की चिड़िया इसलिए कहलाता था, क्योंकि हम अपनी ज़रूरतों के लिए बाहर की ओर नहीं देखते थे।" उन्होंने कहा कि आज मोबाइल फोन के निर्माण में, जहाँ हम कभी केवल आयातक (इंपोर्टर) थे, अब निर्यातक (एक्सपोर्टर) बन चुके हैं।
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रक्षा उत्पादन और निर्यात में रिकॉर्ड वृद्धि
राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों की मेहनत का परिणाम यह है कि:
- घरेलू रक्षा उत्पादन: 2014 में जो मात्र ₹46,425 करोड़ रुपये था, वह आज रिकॉर्ड ₹1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।
- निजी क्षेत्र का योगदान: ₹33,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान प्राइवेट सेक्टर से आना दर्शाता है कि निजी उद्योग भी आत्मनिर्भर भारत के इस अभियान में भागीदार बन रहे हैं।
- रक्षा निर्यात: जो दस वर्ष पहले ₹1,000 करोड़ रुपये से भी कम था, आज वह बढ़कर रिकॉर्ड ₹23,500 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
उन्होंने SIDM के 9 साल के काम की सराहना करते हुए कहा कि सेना, नौसेना और वायु सेना हमारे रक्षा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
