''तय करें वह जनता के साथ हैं या मोदी जी के'', केजरीवाल ने साधा कांग्रेस पर निशाना
punjabkesari.in Friday, Jun 02, 2023 - 06:37 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली के मुखअयमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है। रांची में हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कोई भी पार्टी इस अध्यादेश के पक्ष में कैसे वोट कर सकती है कांग्रेस को तय करना है कि वो देश के जनतंत्र-संविधान और 140 करोड़ लोगों के साथ है, या फिर मोदी जी के साथ है। इससे पहले केजरीवाल ने तमिलनाडु में कहा था कि उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने का समय मांगा है।
वहीं, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शु्क्रवार को केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र पर केंद्र का हमला गंभीर चिन्ता का विषय है। उन्होंने साथ ही घोषणा की कि संसद में केन्द्रीय अध्यादेश का विरोध करने में उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) आम आदमी पार्टी का साथ देगी।
इससे पहले आज दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एवं उनके प्रतिनिधिमंडल से सोरेन ने मुलाकात की तथा केन्द्र सरकार के रवैये पर गंभीर चिन्ता प्रकट की। दोनों पार्टियों के नेताओं की मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में सोरेन ने कहा, ‘‘ लोकतंत्र पर केंद्र का हमला गंभीर चिंता का विषय है।''
केजरीवाल ने कहा, '' झामुमो दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्रीय अध्यादेश का विरोध करने में आप का साथ देगा। हम केन्द्र को लोकतांत्रिक अधिकारों का खुल्लम खुल्ला दमन नहीं करने देंगे।'' केजरीवाल ने कहा, ''मैं समान विचार वाले राजनीतिक दलों एवं आम लोगों से भी केन्द्र सरकार के इस गैर लोकतांत्रिक कदम का डटकर विरोध करने की अपील करता हूं।''
केजरीवाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 11 मई को सुनाये गये फैसले में केन्द्रीय सेवा के अधिकारियों के स्थानांतरण का अधिकार दिल्ली की चुनी गयी सरकार को दे दिया गया था लेकिन केन्द्र सरकार अपने अध्यादेश के माध्यम से इस अधिकार को वापस हड़पना चाहती है अत: संसद में सभी समान विचार वाले दलों को एकजुट होकर इस अध्यादेश को पारित होने से रोकना होगा।
केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और केन्द्र शासित राज्यों के (दानिक्स) कैडर के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के उद्देश्य से 19 मई को एक अध्यादेश जारी किया था। यह अध्यादेश सर्वोच्च न्यायालय की ओर से दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित मामलों को छोड़कर अन्य मामलों का नियंत्रण सौंपने के बाद लाया गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने 11 मई को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आम आदमी पार्टी को इस मामले में समर्थन की पहले ही घोषणा कर दी है। इतना ही नहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में केजरीवाल को समर्थन दिया है। केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तथा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है लेकिन कांग्रेस में अरविंद केजरीवाल एवं उनकी पार्टी का साथ देने को लेकर अभी गहन चिंतन जारी है।
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