हर भारतीय पर बढ़ा कर्ज का बोझ, प्रति व्यक्ति कर्ज 4.8 लाख रुपए हुआ: RBI की रिपोर्ट

punjabkesari.in Wednesday, Jul 02, 2025 - 01:27 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की ताज़ा वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बीते 2 वर्षों में देश के हर व्यक्ति पर औसतन ₹90,000 का अतिरिक्त कर्ज चढ़ गया है। मार्च 2023 में जहां प्रति व्यक्ति व्यक्तिगत ऋण ₹3.9 लाख था, वहीं मार्च 2025 तक यह बढ़कर ₹4.8 लाख पहुंच गया है। इस वृद्धि की बड़ी वजह बेहतर क्रेडिट रेटिंग वाले लोगों द्वारा अधिक उधारी लेना है। अच्छी बात यह है कि ऐसे उधारकर्ताओं का अनुपात बढ़ने से समग्र घरेलू बैलेंस शीट मजबूत बनी हुई है।

भारत में घरेलू ऋण की स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में घरेलू ऋण में तेजी देखी गई है, लेकिन जीडीपी के अनुपात में यह अभी भी अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम है। दिसंबर 2024 तक घरेलू ऋण GDP का 41.9% रहा, जो तुलनात्मक रूप से संतुलित स्तर पर है। मार्च 2025 तक गैर-आवासीय खुदरा ऋण कुल घरेलू कर्ज का 54.9% रहा और यह मार्च 2024 तक कुल उपयोग योग्य आय का 25.7% हिस्सा बन गया। इन ऋणों का उपयोग मुख्यतः उपभोग (खर्च) के लिए किया जाता है।

होम लोन में स्थिरता, लेकिन असुरक्षित कर्ज बढ़ा
रिपोर्ट में बताया गया है कि खुदरा कर्ज के भीतर होम लोन का हिस्सा 29% पर स्थिर बना हुआ है। हालांकि, असुरक्षित ऋण (जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड आदि) अब खुदरा ऋण का 25% और कुल बैंकिंग प्रणाली के उधारी का 8.3% हो गया है। फिर भी अच्छी खबर यह है कि बुरा कर्ज (NPA) घट रहा है। मार्च 2023 में जहां यह 1.8% था, वह मार्च 2025 तक घटकर 1.2% रह गया।

घरेलू वित्तीय संपत्ति में उल्लेखनीय वृद्धि
वित्त वर्ष 2023-24 में परिवारों की वित्तीय परिसंपत्तियों में तेज़ी से इजाफा देखा गया है। 2019-20 की तीसरी तिमाही से लेकर मार्च 2025 तक परिसंपत्ति मूल्य वृद्धि ने कुल वित्तीय संपत्तियों में एक-तिहाई योगदान दिया है। ब्याज दरों में संभावित नरमी से उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में उधारकर्ताओं पर कर्ज का दबाव और भी कम होगा और बैंकों का जोखिम नियंत्रण में रहेगा।


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Content Editor

Harman Kaur

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