अब बहू-दामाद को भी करनी होगी बुजुर्ग माता पिता की सेवा, ऐसा नहीं करने पर होगी जेल!

punjabkesari.in Thursday, Dec 05, 2019 - 05:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आज के समय में वृद्ध माता-पिता और दूसरे बुजुर्गों को बोझ समझा जाने लगा है। बुजुर्गों की देखभाल करने की जिम्मेदारी से परिवार वाले मुंह मोड़ने लगे हैं। इसे देखते हुए मोदी सरकार नेटिनेंस ऐंड वेलफेयर ऑफ पैरंट्स ऐंड सीनियर सिटिजन ऐक्ट 2007 (Maintenance and Welfare Senior Citizens Act) की परिभाषा को विस्तार करने का फैसला लिया है। इसके तहत अब बुजुर्ग लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी सिर्फ बेटे-बेटी की ही नहीं बल्कि बहू और दामाद की भी होगी।

PunjabKesari

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई । इसमें वरिष्ठ नागरिकों की बुनियादी जरूरतों, सुरक्षा एवं कल्याण प्रदान करने की बात कही गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है और अब इसे संसद में पेश किया जायेगा। बिल के प्रावधानों में सुधार करते हुए इसमें दादा-दादी और सास-ससूर की देखभाल करने को भी शामिल किया गया है। वहीं अपने बुजुर्गों की सही से देखभाल नहीं करने के वाले लोगों की सजा दोगुनी कर दी गई है। ऐसे दोषी लोगों को अब तक मिलने वाली तीन महीने जेल की सजा बढ़कर 6 महीने कर दी गई है। 

PunjabKesari

देखभाल की परिभाषा में भी बदलाव 

  • देखभाल के लिए तय की गई राशि का आधार बुजुर्गों, पैरंट्स, बच्चों और रिश्तेदारों के रहन-सहन के आधार पर किया जाएगा। 
  • इस विधेयक से बुजुर्गों के शारीरिक और मानसिक कष्ट में कमी आएगी। 
  • इसके अलावा इस नए बिल से देखभाल करने वाले भी बुजुर्गों के प्रति ज्यादा संवेदनशील और जिम्मेदार बनेंगे। 

PunjabKesari

कानून का उल्लंघन करने वालों को मिलेगी सजा

  • कानून का उल्लंघन करने वालों को न्यूनतम 5,000 रुपये का जुर्माना या तीन महीने कारावास की सजा, या जुर्माना एवं सजा दोनों हो सकते हैं। 
  • विधेयक के तहत प्राथमिकता उन वरिष्ठ नागरिकों के आवेदनों को दी जाएगी जिनकी आयु 80 वर्ष या अधिक है। यदि वे अपने बच्चों द्वारा उपेक्षा किये जाने की शिकायत दर्ज कराते हैं। 
  • हर पुलिस थाने में या जिला स्तरीय विशेष पुलिस इकाई में बुजुर्गों की शिकायतों को सुनने के लिए नोडल अधिकारी होंगे।
  • एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर भी होगा।
  • बच्चों, दामाद या बहू द्वारा उपेक्षा किए जाने पर बुजुर्ग न्याय पाने के लिए भरण-पोषण अधिकरण से संपर्क कर सकते हैं। 

सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News