Marburg Virus: कोविड-19 और मंकीपॉक्स के बाद एक और वायरस का खतरा, 88% मौत की दर के साथ मचाया कहर

punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2024 - 01:17 PM (IST)

नई दिल्ली: दुनिया अभी भी कोविड-19 और मंकीपॉक्स जैसी बीमारियों से उबर रही है, लेकिन अब एक और वायरस ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है। पूर्वी अफ्रीका के देश रवांडा में मारबर्ग वायरस फैल रहा है। अब तक 26 लोगों में इसकी पुष्टि हो चुकी है, जिनमें से 6 की मौत हो गई है। इस वायरस के चलते कई लोग गंभीर हालत में हैं और उन्हें अलग रखा गया है।

डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की रिपोर्ट के अनुसार, रवांडा के 30 जिलों में से 7 जिलों में यह वायरस फैल चुका है। 26 संक्रमितों में से 20 की हालत काफी गंभीर है, और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए करीब 160 लोगों की निगरानी की जा रही है। इस वायरस की मृत्यु दर 88% तक हो सकती है, जो इसे और खतरनाक बनाता है।
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मारबर्ग वायरस क्या है?
मारबर्ग वायरस को इबोला वायरस की तरह ही माना जाता है, और यह भी चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है। इंसानों के बीच यह वायरस तब फैलता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आता है।

वायरस से कैसे बचा जा सकता है?
डब्ल्यूएचओ ने सभी को सावधानी बरतने की सलाह दी है। यह वायरस बहुत तेजी से फैल सकता है और अभी इसके लिए कोई खास दवा या टीका नहीं है। हालांकि, दवाओं और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने वाले इलाज पर काम चल रहा है।
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स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान 
रवांडा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वे इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग (जिन लोगों से संक्रमित व्यक्ति मिला है उनकी जांच) और टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं। लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग (सामाजिक दूरी) का पालन करने की भी अपील की गई है ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
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वायरस को रोकने के लिए कर रहे हरसंभव कोशिश- अधिकारी 
रवांडा में स्वास्थ्य अधिकारी और डब्ल्यूएचओ वायरस के फैलाव को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। वायरस के मरीजों को अलग-थलग रखा गया है और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच हो रही है।


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Content Editor

rajesh kumar

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