Cyclone Milton: आ रहा एक और चक्रवाती तूफान, भारी बारिश और बाढ़ का खतरा, डेढ़ करोड़ लोगों को पर मंडरा रहा खतरा
punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2024 - 09:41 AM (IST)
नेशनल डेस्क: देश में एक और चक्रवाती तूफान लोगों की जान खतरे में डालने जा रहा है। चक्रवाती तूफान, साइक्लोन मिल्टन, अमेरिका के लिए खतरा बनता जा रहा है। यह तूफान मैक्सिको की खाड़ी में उठा है और तेजी से फ्लोरिडा की ओर बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने फ्लोरिडा में आपातकाल की घोषणा की है।
अमेरिकी नेशनल हरिकेन सेंटर के अनुसार, मिल्टन वर्तमान में मैक्सिको के तट पर है और रविवार को यह कैटेगरी-1 का तूफान बन गया। यह अब टैम्पा से लगभग 780 मील (1255 किलोमीटर) दूर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में स्थित है, जहां इसकी अधिकतम हवाओं की गति 85 मील प्रति घंटे (140 किलोमीटर) है। तूफान वर्तमान में 7 मील प्रति घंटे (11 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से पूर्व में बढ़ रहा है।
Do these clouds look natural to you?
— Alux Jownes Team (@JOWNESTeam) October 6, 2024
Hurricane Milton Harris is what geo engineering looks like…
Look up HAARP.
They’re using fucking weather weapons on us. pic.twitter.com/JzYja3VDZU
भारी बारिश और बाढ़ का खतरा
बुधवार सुबह तक यह तूफान फ्लोरिडा के पश्चिमी तट पर बेहद घातक साबित हो सकता है, क्योंकि इसके कैटेगरी-3 का तूफान बनने की संभावना है। लगभग 1.5 करोड़ लोगों की जान खतरे में है। तूफान के कारण समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और मूसलाधार बारिश बाढ़ की स्थिति पैदा कर सकती है। फ्लोरिडा और कीज में 5-8 इंच (127-203 मिमी) बारिश का अनुमान है, जबकि कुछ क्षेत्रों में 12 इंच (304 मिमी) तक बारिश हो सकती है।
आपातकालीन उपाय
काउंटी के इमरजेंसी मैनेजमेंट डायरेक्टर, कैथी पर्किन्स, ने बताया कि पहले ही 6 अस्पतालों, 25 नर्सिंग होम और 44 सरकारी अस्पतालों को खाली करने का आदेश दिया गया है, जिनमें कुल 6600 मरीज हैं। सोमवार से बुधवार तक एयरपोर्ट और स्कूल बंद कर दिए गए हैं।
नेशनल हरिकेन सेंटर के अनुसार, मिल्टन साइक्लोन दक्षिण-पूर्व उत्तरी कैरोलिना और उत्तर-पूर्व दक्षिण कैरोलिना के लिए भी खतरनाक हो सकता है। इन राज्यों के तटीय शहरों में ऊंची लहरें, तेज हवाएं और भारी बारिश की संभावना है। पिछले दो हफ्तों में अमेरिका का दूसरा बड़ा तूफान होगा। इससे पहले, चक्रवात हेलेन ने दक्षिण अमेरिका में कम से कम 225 लोगों की जान ले ली और 250 बिलियन डॉलर का नुकसान किया।