वाह! साइबर हाईटेक पुलिस 80 प्रतिशत मामलों में फेल
punjabkesari.in Tuesday, Jan 08, 2019 - 01:18 PM (IST)
नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): हाईटैक पुलिसिंग का दावा दिल्ली पुलिस करती है, लेकिन अगर उनके हाईटैक साइबर सैल की कारगुजारी को देखें तो ये पुलिस अन्य राज्यों की पुलिस से बेहद पिछड़ी हुई है। हालत ये है कि राजधानी की हाईटैक साइबर सेल एक वर्ष में महज दर्ज मामलों से 20 फीसदी मामलों को ही सुलझा पाई है। आंकड़ों के तहत वर्ष 2018 काफी खराब रहा, क्योंकि दर्ज किए गए 160 मामलों में से यूनिट केवल 26 मामलों में जांच पूरी करने में सफल रही। इसके अलावा, विभाग ने पिछले दो वर्षों में केवल 20 प्रतिशत मामलों में जांच को हवा दी है। दिल्ली पुलिस द्वारा राज्यसभा में उठाए गए एक प्रश्न के उत्तर में यह बात सामने आई। साइबर सेल में सिर्फ 205 पुलिसकर्मी ही हैं।
30 जून 2018 तक दर्ज हुए 61 मामले
पर्याप्त पुलिसकर्मियों के न होने से भी तफ्तीश में अधिक समय लगता है। जबकि 30 जून 2018 तक 61 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से 20 मामलों को पुलिस ने सुलझा लिया है। 33 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। साल 2017 में साइबर के 106 मामले दर्ज हुए थे। इनमें से 22 मामलों को सुलझा लिया गया। 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने वेबसाइटों, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, सोशल मीडिया पोर्टलों और दूरसंचार कंपनियों को दोषी ठहराया। उनका कहना है कि जानकारी देरी से मिलने की वजह से केस को सुलझाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। खासकर विदेशी सेवा प्रदाताओं से सूचना का लंबित होना, पत्रों के उत्तर लंबित होना, विधि विज्ञान संबंधी परिणामों का लंबित होना और आईपी लॉग, सोर्स पोर्ट आदि जैसे मध्यस्थों द्वारा अधूरी सूचना दिया जाना शामिल है।
अफसर धूल फांक रही साइबर वैन
सूत्रों ने कहा कि हैकिंग, डिजिटल एक्सटॉर्शन, रैनसमवेयर और आइडेंटिटी थेफ्ट की जांच के लिए सुविधाओं से लैस एक साइबर फोरेंसिक मोबाइल वैन को पिछले साल लॉन्च किया गया था। हालांकि, वैन दिसम्बर माह तक लगभग 100 किमी की दूरी तय करने के बाद पार्किंग में धूल फांक रही है।
हॉक्स कॉल को ट्रेस करने में फेल
गत वर्ष में 702 हॉक्स कॉल दिल्ली पुलिस को मिलीं, लेकिन पुलिस महज 2 ही लोगों को ट्रेस कर पाई, साफ ह ैकि दिल्ली पुलिस का साइबर सेल कितना हाईटैक है और कितने मामलों में सफल रहता है।