महाकुंभ में करोड़ों लोगों ने लगाई डुबकी, फिर भी गंगा का पानी रहा स्वच्छ: रिसर्च में बड़ा खुलासा

punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2025 - 09:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रयागराज के महाकुंभ में अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान कर चुके हैं, और इसके बावजूद गंगा का पानी पूरी तरह से साफ और रोगाणु मुक्त है। प्रमुख वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ. अजय सोनकर ने बताया कि गंगा दुनिया की एकमात्र मीठे पानी की नदी है, जिसमें 1,100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज होते हैं। ये बैक्टीरियोफेज गंगा के पानी में प्राकृतिक रूप से प्रदूषण को खत्म करते हैं और कीटाणुओं को मारकर पानी को शुद्ध करते हैं।

पद्मश्री डॉ. अजय सोनकर, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने प्रशंसा की थी, ने इस अध्ययन के बारे में खुलासा किया। उनका कहना है कि बैक्टीरियोफेज, जो बैक्टीरिया से 50 गुना छोटे होते हैं, हानिकारक बैक्टीरिया को पहचानकर उन्हें नष्ट कर देते हैं। ये बैक्टीरियोफेज खुद गायब हो जाते हैं, जिससे पानी हमेशा साफ और सुरक्षित रहता है।

महाकुंभ के दौरान जब लाखों लोग संगम में स्नान करते हैं, तो गंगा का जल अपने आप इन बैक्टीरियोफेज के द्वारा हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है। ये बैक्टीरियोफेज केवल उन बैक्टीरिया को लक्षित करते हैं, जो स्नान के दौरान जल में आते हैं। यह एक स्व-शुद्धिकरण प्रक्रिया की तरह है, जैसा समुद्र के जल में भी होता है।

डॉ. सोनकर ने बैक्टीरियोफेज के चिकित्सा लाभों पर भी अध्ययन किया है। ये बैक्टीरियोफेज हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट कर देते हैं, लेकिन लाभकारी बैक्टीरिया को प्रभावित नहीं करते। डॉ. सोनकर इसे प्रकृति का संदेश मानते हैं कि जैसे गंगा नदी अपने अस्तित्व की रक्षा करती है, वैसे ही मानवता को भी प्रकृति के साथ सामंजस्य में रहना चाहिए।


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News Editor

Parveen Kumar

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