कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से नहीं टूटेगा रोजा : इस्लामी विद्वानों ने कहा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 14, 2021 - 12:39 PM (IST)

श्रीनगर/लखनऊ : मुस्लिम विद्वानों ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीका लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा लिहाजा रमजान के महीने में रोजे की हालत में खुराक ली जा सकती है। लखनऊ में दारूल इफ्ता फरंगी महल ने भी एक फतवा जारी कर कहा है कि रमजान में टीके की खुराक ली जा सकती है। दारूल इफ्ता फरंगी महल ने अपने एक फतवे में कहा है कि कोरोना का टीका लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा लिहाजा रमजान के महीने में रोजे की हालत में खुराक ली जा सकती है। 

 

दारुल इफ्ता द्वारा मंगलवार को दिए गए इस महत्वपूर्ण फतवे में कहा गया है कि कोरोना टीके की दवा इंसानी बदन की रगों में दाखिल होती है, पेट के अंदर नहीं, इसलिए इसके लगवाने से रोजा नहीं टूटेगा। मुसलमानों को केवल रोजे की वजह से कोविड-19 का टीका लगवाने में देर नहीं करनी चाहिए। PunjabKesariमध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के नागरिक अब्दुर्रशीद किदवई ने दारूल इफ्ता से यह सवाल किया था, "कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी इस समय अपने चरम पर है। इससे बचाव के लिए टीके की खुराक सूई के माध्यम से दी जा रही है। इसकी दो खुराकें दी जायेगी। हमने कई दिन पहले इसकी पहली खुराक ली है। दूसरी खुराक रमजान में दी जायेगी। आपसे मालूम यह करना है कि क्या रोजे की हालत में वैक्सीन ली जा सकती है?"

 

जम्मू कश्मीर के प्रमुख मुफ्ती नसीर उल इस्लाम ने भी कहा कि रोजा रख रहा व्यक्ति टीके की खुराक ले सकता है। इस्लाम ने  कहा, "कोविड-19 रोधी टीके की खुराक से रोजा नहीं टूटेगा।" उन्होंने कहा, "टीके को खाना या पेय पदार्थ नहीं माना जाता। इससे लोगों को भूख से लड़ने की ताकत नहीं मिलेगी।" मुफ्ती ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लोगों से टीके की खुराक लेने की अपील की।

PunjabKesari

एक और धार्मिक विद्वान मुफ्ती जिया उल हक ने कहा कि धर्म रोजा के दौरान सूई या टीका लेने की इजाजत देता है। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर किसी को संदेह है तो वह रोजा तोड़ने के बाद टीके की खुराक ले सकता है। उन्होंने कहा, "शाम में चिकित्सा टीम शायद टीके नहीं दे पाएगी इसलिए सलाह दी जाती है कि संक्रमण को हराने के लिए रोजा के दौरान टीके की खुराक ले सकते हैं।"

 

पिछले साल रमजान के दौरान मुस्लिम विद्वानों ने लोगों से सरकार द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया का पालन करने और घर में ही इबादत करने की सलाह दी थी।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Monika Jamwal

Recommended News

Related News