शादीशुदा होने के बावजूद युवक से बनाए संबंध, कोर्ट ने कहा- रेप नहीं मान सकते, शादीशुदा थी तो कोई वादा मान्य नहीं
punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 06:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: एक शादीशुदा महिला जो एक चार साल के बच्चे की मां है, ने एक युवक के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया। महिला का आरोप था कि युवक ने उससे शादी करने का वादा किया और करीब एक साल तक शारीरिक संबंध बनाए। युवक ने उसे भरोसा देते हुए कहा कि जब उसका तलाक हो जाएगा वो उससे शादी कर लेगा। जब शादी नहीं हुई, तो महिला ने युवक पर केस दर्ज किया।
कोर्ट ने क्यों नहीं माना रेप-
सुप्रीम कोर्ट ने महिला की बात को सही नहीं माना। कोर्ट ने कहा कि जब महिला पहले से शादीशुदा थी, तब किसी दूसरे से शादी का वादा कानूनी रूप से वैध नहीं हो सकता। महिला ने खुद अपनी मर्जी से युवक के साथ लगभग एक साल तक रिश्ता रखा और दो बार होटल में भी गई। इसलिए कोर्ट ने इसे रेप नहीं माना।
तलाक के समय को लेकर सवाल-
महिला ने दावा किया कि उसने 2022 के जून से 2023 के जुलाई तक युवक से संबंध बनाए, जबकि उसका तलाक दिसंबर 2022 में हुआ था। इसका मतलब ये था कि वह संबंध शुरू होने तक शादीशुदा थी। कोर्ट ने पूछा कि जब महिला शादीशुदा थी, तब उसने दूसरे से शादी की उम्मीद कैसे रखी?
क्या मामला बदले की भावना से जुड़ा है-
युवक ने बताया कि पढ़ाई पूरी कर गांव लौटने के बाद महिला का परिवार उससे नाराज हो गया। इसके बाद महिला ने केस दर्ज कराया। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को भी ध्यान में रखा और कहा कि यह केस गुस्से या बदले की भावना से भी दर्ज किया गया हो सकता है।
कोर्ट का आखिरी फैसला-
कोर्ट ने कहा कि अगर दो लोगों के बीच रिश्ता सहमति से बना था और बाद में वह रिश्ता खराब हो गया, तो उसे रेप नहीं कहा जा सकता। ऐसे मामलों में कानून का गलत इस्तेमाल हो सकता है और बिना पुख्ता सबूत पुलिस या अदालत में मामला नहीं चलाना चाहिए।