न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर सरकार को पाकिस्तानी नागरिकों पर रिपोर्ट पेश करने के लिए समय दिया
punjabkesari.in Friday, May 02, 2025 - 05:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर सरकार को जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा अधिनियम, 1978 के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिए गए पाकिस्तानी नागरिकों की संख्या के बारे में जानकारी देने के लिए और समय दे दिया। न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने अधिकारियों को यह जानकारी देने के बाद छह सप्ताह का और समय दिया कि केंद्र शासित प्रदेश में बाढ़ के दौरान ऐसे कैदियों से संबंधित आंकड़ा नष्ट हो गया। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 25 जुलाई के लिए स्थगित कर दी। न्यायालय जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के दिवंगत नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता भीम सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा अधिनियम, 1978 के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिए गए पाकिस्तानी नागरिकों के संबंध में अदालत में याचिका दायर की थी।
उनकी याचिका में ऐसे लोगों को रिहा कर पाकिस्तान भेजने की मांग की गई। शीर्ष अदालत ने पहले उन पाकिस्तानी नागरिकों के भविष्य पर चिंता व्यक्त की थी जिन्हें सजा पूरी करने के बाद भारतीय जेलों से रिहा कर दिया जाएगा लेकिन पड़ोसी देश अगर उन्हें अपने नागरिक के रूप में स्वीकार नहीं करता है तो क्या होगा। इसलिए सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त तंत्र बनाने को कहा गया कि ऐसे विदेशी नागरिकों को जेलों में रहने के लिए मजबूर न किया जाए, क्योंकि अदालतें अक्सर ऐसी शिकायतों पर विचार करती हैं कि पाकिस्तानी नागरिक अपनी सजा पूरी करने के बावजूद जेलों में बंद हैं।