दिल्ली हाईकोर्ट ने आत्मनिर्भर योजना के तहत ऋण के लिए याचिका खारिज की, 25,000 रुपये का लगाया जुर्माना

punjabkesari.in Tuesday, Sep 28, 2021 - 06:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना के तहत ऋण देने का अनुरोध करने वाली एक जनहित याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया। अदालत ने कहा कि कोई भी पक्ष किसी भी आवेदन के अभाव में ‘‘अनिवार्य ऋण'' का दावा नहीं कर सकता है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि जनहित याचिका पर विचार करने का कोई कारण नहीं है और उल्लेख किया कि किसी व्यक्ति द्वारा इसके लिए उचित आवेदन किए बिना तथा संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किए के बिना ऋण नहीं दिया जा सकता है। पीठ ने कहा, ‘‘किसी को ऋण दिए जाने की बाध्यता नहीं हो सकती है और याचिकाकर्ता यह नहीं कह सकता कि किस को ऋण दिया जाना चाहिए।''

अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले में, न तो याचिका में बताया गया कि जिन लोगों के लिए ऋण मांगा गया था, उनके द्वारा कोई आवेदन किया गया था और न ही ऐसे लोगों को कार्यवाही के लिए पक्ष बनाया गया। अदालत ने कहा, ‘‘10,000 रुपये ऋण दिए जाने को लेकर याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। इस याचिका में कोई तथ्य नहीं है। याचिका खारिज की जाती है और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।'' हालांकि, पीठ ने स्पष्ट किया कि यदि योजना के तहत ऋण की मंजूरी के लिए अधिकारियों को आवेदन किया जाता है, तो संबंधित अधिकारी लागू नीति के अनुसार इसकी जांच करेंगे। याचिका में कुछ लोगों को योजना के तहत 10,000 रुपये का ऋण देने के लिए निर्देश को लेकर एक वकील ने यह जनहित याचिका दाखिल की थी।


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Content Editor

rajesh kumar

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