कफ सिरप बना बच्चों के लिए काल: 2 राज्यों के 12 मासूमों की छीन ली जिंदगी और कितनों की लेगा जान?
punjabkesari.in Friday, Oct 03, 2025 - 01:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते 25 दिनों में अब तक 12 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वाले सभी बच्चे 5 वर्ष से कम उम्र के थे। शुरुआती लक्षणों में उन्हें सामान्य बुखार और सर्दी की शिकायत हुई, जिसके बाद स्थानीय डॉक्टरों ने खांसी की दवा दी। शुरुआत में बच्चों की हालत ठीक हुई, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उनके पेशाब में कमी आई और फिर अचानक किडनी फेल होने लगी।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा रहा, जबकि राजस्थान के भरतपुर और सीकर में भी तीन बच्चों की मौत हुई है। पहला मामला 7 सितंबर को सामने आया था, जब 5 वर्षीय अदनान खान को तेज बुखार और उल्टी के बाद अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर नागपुर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने किडनी फेल होने की पुष्टि की। इसके बाद से लगातार नए मामले सामने आते रहे।
‘Dextromethorphan का इस्तेमाल न करें’
सीकर जिले में खांसी की प्रतिबंधित दवा लिखे जाने पर एक चिकित्सक और फार्मासिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई है। स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर चिकित्सकों से कहा है कि 4 वर्ष से कम आयु के बच्चों को Dextromethorphan सिरप न दिया जाए। साथ ही खांसी का कारण पहचान कर सही उपचार किया जाए। यदि किसी बच्चे में इसके दुष्प्रभाव की जानकारी मिले, तो तुरंत जिला अधिकारी और निदेशालय को सूचित किया जाए।
बड़ी संख्या में मरीजों को दी गई दवा
स्वास्थ्य विभाग ने 28 सितंबर को शिकायत मिलने के बाद पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। जानकारी के अनुसार, अब तक 1 लाख 33 हजार से अधिक मरीजों को Dextromethorphan सिरप दिया जा चुका है। हालांकि 28 सितंबर से पहले ऐसी कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी।
Coldrif और Nextro-DS पर रोक
मध्य प्रदेश में दो कफ सिरप, Coldrif और Nextro-DS, पर भी संदेह जताया गया। कलेक्टर ने दोनों दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी और मेडिकल स्टोर्स को निर्देश दिए कि बच्चों को केवल प्लेन सिरप ही उपलब्ध कराएं। इस बीच दूषित पानी की सप्लाई पर भी सवाल उठे हैं। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि नल से गंदा और पीला पानी आ रहा है, लेकिन शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई।
कफ सिरप में मिला डायएथिलीन ग्लायकॉल
छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पवन नांदुलकर ने बताया कि मृत बच्चों की किडनी बायोप्सी जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। कफ सिरप में डायएथिलीन ग्लायकॉल पाया गया, जो जहरीला रसायन है। यही सिरप बच्चों को दिया गया था, जिससे उनकी किडनी फेल हो गई और मौत हो गई।