बाबा बैजनाथ धाम में बनेगा 900 करोड़ का कॉरिडोर, श्रद्धालुओं को मिलेगी सुविधा
punjabkesari.in Monday, Dec 02, 2024 - 01:35 PM (IST)
नेशनल डेस्क। देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैजनाथ धाम अब और भी विकसित होगा। यहां पर जल्द ही एक कॉरिडोर बनेगा जो श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधा प्रदान करेगा। बैजनाथ धाम में सालों भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है खासकर सावन माह में कई राज्यों के भक्तों का हुजूम उमड़ता है। ऐसे में झारखंड सरकार ने बाबा बैजनाथ धाम को और भी विकसित करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल ही में शपथ ग्रहण करते ही देवघर को यह बड़ी सौगात दी है।
कॉरिडोर की योजना
अब देवघर के बैजनाथ मंदिर में भी उज्जैन महाकाल और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह एक नया कॉरिडोर बनेगा। इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए सरकार ने मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसका डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार किया जाएगा। इसके बाद जमीनी स्तर पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
कॉरिडोर के निर्माण के लिए जमीन का अधिग्रहण
बैजनाथ मंदिर के आसपास 33 एकड़ जमीन सरकार ने चिन्हित की है जिसका अधिग्रहण जल्द ही शुरू हो जाएगा। इस कॉरिडोर में शिवगंगा से लेकर मानसरोवर होते हुए बैजनाथ मंदिर तक श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकेंगे। कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालु शिवगंगा में डुबकी लगाने के बाद सीधे बाबा बैजनाथ के मंदिर तक पहुंच सकेंगे।
बजट और मुआवजा
इस परियोजना के लिए पर्यटन विभाग ने 900 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इसके अलावा जिन मकानों और दुकानों को कॉरिडोर के निर्माण में हटाया जाएगा उनके मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे के लिए 275 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। मकान मालिकों को बाजार भाव के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा और जिन दुकानों को स्थानांतरित किया जाएगा उन्हें नए कॉरिडोर क्षेत्र में दुकानें आवंटित की जाएंगी।
कॉरिडोर से होने वाले फायदे
इस कॉरिडोर के निर्माण से होंगे कई लाभ:
- श्रद्धालुओं को अब तंग गलियों से होकर नहीं गुजरना होगा।
- कॉरिडोर में ही क्यू काम्प्लेक्स और दुकानें होंगी।
- लाखों श्रद्धालु कतारबद्ध होकर आसानी से बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
33 एकड़ जमीन का विकास होने के बाद टावर चौक, बस स्टैंड, शिवगंगा, मंदिर मोर और हदहदिया चौक से मंदिर साफ दिखाई देगा।
अंत में बता दें कि यह कॉरिडोर परियोजना बैजनाथ धाम के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इससे न सिर्फ श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी बल्कि मंदिर परिसर के आसपास के इलाके का भी विकास होगा। इस योजना के माध्यम से देवघर को एक नया रूप मिलेगा जिससे यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को एक बेहतर अनुभव मिलेगा।