कोरोना मरीज को लगी चाय की तलब, कई लोगों की जान जोखिम में पड़ी...मचा हड़कंप

punjabkesari.in Thursday, Jul 02, 2020 - 12:46 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कोरोना वायरस के मरीज को अचानक चाय की तलब लग गई जिसने कई लोगों की जान को जोखिम डाल दिया। लोगों को जब पता चला कि यह शख्स कोरोना पॉजिटिव है तो उनके हाथ-पांव फूल गए। दरअसल कोरोना संक्रमित बुजुर्ग मरीज अस्पताल से चुपचाप निकलकर बाहर आ गया। बाहर आकर वह एक चाय के दुकान पर आया और चाय पीने बैठ गया। जब अस्पताल प्रशासन में मरीज के गायब होने की सूचना फैली तो हड़कंप मच गया।

 

अस्पताल के कमर्चारियों को बुजुर्ग मरीज बाहर दुकान पर चाय पीता मिला। जब चायवाले और अन्य लोगों को उसके कोरोना वायरस होने की बात पता चली तो सबके होश उड़ गए। मामला है कर्नाटक के मैसुरु का। नगरभावी के रहने वाले बुजुर्ग को यहां एक प्राइवेट अस्पातल में भर्ती कराया गया था। वहां जब उसका टेस्ट किया तो वह कोरोना पॉजिटिव पाया गया। रिपोर्ट आने के बाद बुजुर्ग को मंगलवार की रात Covid-19 केयर अस्पताल में रेफर किया गया। बुजुर्ग अस्पताल में ही ऐंबुलेंस का इंतजार कर रहा था, तभी उसे चाय की तलब लगी। 

 

नहीं रोक पाया चाय की तलब को 
बुजुर्ग ने बताया कि मंगलवार की सुबह लगभग 5 बजे उसने अस्पताल स्टॉफ से चाय मांगी। स्टाफ ने बुजुर्ग को चाय नहीं दी तो सुबह करीब साढ़े सात बजे तब उनकी चाय पीने की तलब और बढ़ गई। बुजुर्ग ने कहा कि जब कंट्रोल नहीं हुआ तो उसने अपने हाथ की फ्लूड निकाली और स्टॉफ की नजर से बचा अस्पताल के बाहर आ गए। बाहर आकर एक चाय की दुकान पर चाय पीने लगे। वहीं चाय की दुकान पर मौजूद एक अन्य ग्राहक ने बुजुर्ग के हाथ पर वीगो देखा तो इसके बारे में पूछा। इस पर बुजुर्ग ने बताया कि वह कोरोना वायरस है। उसके दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जाना है। उसे चाय पीनी थी इसलिए दुकान पर आ गया। यह सुनकर दुकान में मौजूद लोगों के चेहरे की हवाइयां उड़ गईं।

 

दुकान में मौजूद सभी ग्राहक अपने चाय के कप फेंक, वहां से भाग गए। चाय विक्रेता उसने भी डरकर अपनी दुकान तुरंत बंद कर दी। यहां तक कि बुजुर्ग से चाय के रुपए भी नहीं लिए। दुनाकनवाला दौड़कर अस्पताल गया और वहां के स्टाफ को सूचना दी। इसके बाद बुजुर्ग को कोरोना अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं दूसरी तरफ बुजुर्ग के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजनों ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में पिता को भर्ती करते समय डेढ़ रुपए का भुगतान किया था लेकिन वे लोग उनके पिता को एक कप चाय भी नहीं पिला सके। परिजनों ने कहा कि अगर अस्पताल वाले उनको एक कप चाय दे देते तो वह वह खुद बाहर नहीं जाते।


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Seema Sharma

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