कश्मीर रेल परियोजना शासन में निरंतरता की बानगी है जिसे प्रधानमंत्री कभी स्वीकार नहीं करते: कांग्रेस

punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 11:14 AM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन (यूएसबीआरएल) शासन में निरंतरता का एक शानदार उदाहरण है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कभी स्वीकार नहीं करते, लेकिन वह इससे बच भी नहीं सकते। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं, जहां वह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन (यूएसबीआरएल) से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में 272 किलोमीटर तक फैली इस परियोजना के निर्माण पर 43,780 करोड़ रुपये की लागत आई है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि शासन में बहुत अधिक निरंतरता शामिल होती है, ‘‘यह एक ऐसा तथ्य है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी आत्म-प्रशंसा की चिरकालिक चाहत में लगातार नकारते रहते हैं।''

उन्होंने एक बयान में कहा कि यह बात विशेष रूप से तब सच होती है जब बात असाधारण रूप से चुनौतीपूर्ण विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन की आती है। रमेश ने कहा कि यूएसबीआरएल को पहली बार मार्च 1995 में मंजूरी दी गई थी, जब पी वी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे। उन्होंने कहा, ‘‘मार्च 2002 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था। इसके बाद 13 अप्रैल 2005 को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने जम्मू और उधमपुर के बीच 53 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन किया।'' रमेश ने कहा कि 11 अक्टूबर 2008 को प्रधानमंत्री सिंह ने श्रीनगर के बाहर अनंतनाग और मझोम के बीच 66 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी 2009 को प्रधानमंत्री सिंह ने श्रीनगर के बाहर मझोम और बारामूला के बीच 31 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा, ‘‘29 अक्टूबर 2009 को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अनंतनाग और काजीगुंड के बीच 18 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग का उद्घाटन किया था। इसके बाद 26 जून 2013 को प्रधानमंत्री सिंह ने काजीगुंड से बनिहाल तक 11 किलोमीटर लंबे रेल संपर्क का उद्घाटन किया था।''

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रमेश ने कहा कि इसका मतलब यह है कि 26 जून 2013 तक बारामूला और काजीगुंड के बीच 135 किलोमीटर रेल संपर्क शुरू हो गया था। उन्होंने बताया कि उधमपुर और कटरा के बीच 25 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन 2014 के लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण स्थगित करना पड़ा था। रमेश ने कहा, ‘‘इसका उद्घाटन नये प्रधानमंत्री (मोदी) ने पदभार संभालने के 39 दिन बाद चार जुलाई 2014 को किया था।'' उन्होंने कहा कि 2014 से अब तक 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल खंड का काम पूरा हो चुका है, जिसके लिए प्रमुख अनुबंध बहुत पहले दिए जा चुके थे। जयराम रमेश ने कहा कि उदाहरण के लिए चिनाब पुल के लिए ठेके 2005 में ही कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन, एफकॉन्स, वीएसके इंडिया और दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिए जा चुके थे।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव ने कहा, ‘‘कांग्रेस इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई देती है। वह पिछले तीन दशकों से यूएसबीआरएल के क्रियान्वयन में शामिल भारतीय रेलवे, सार्वजनिक क्षेत्र और निजी कंपनियों के कर्मियों को भी बधाई देती है।'' रमेश ने कहा कि यह सबसे कठिन परिस्थितियों के बावजूद सामूहिक संकल्प और सफलता को दर्शाता है। कांग्रेस नेता ने ‘एक्स' पर अपने पोस्ट में कहा, ‘‘ आज जब प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं, तो उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन (यूएसबीआरएल) पर हमारा बयान यह है कि यूएसबीआरएल ब्रह्मोस की तरह शासन में निरंतरता का एक शक्तिशाली उदाहरण है, जिसे वह कभी स्वीकार नहीं करते हैं लेकिन इससे भाग भी नहीं सकते हैं।'' 


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News Editor

Radhika

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