विवादों से घिर गई हैं हिलेरी क्लिंटन

punjabkesari.in Saturday, May 07, 2016 - 11:20 AM (IST)

अमरीकी राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीवार हिलेरी क्लिंटन मुसीबत  में फंस गई हैं। गोपनीय ईमेल के सार्वजनिक होने का मुद्दा उनके प्रचार अभियान को प्रभावित कर सकता है। हिलेरी 2009-13 के बीच अमेरिका की विदेश मंत्री थीं। उन पर निजी ई-मेल के लिए सर्वर के इस्तेमाल करने का आरोप है। हिलेरी ने अपनी सुविधा के लिए यात्रा कार्यक्रमों के दौरान निजी लोगों के संपर्क में रहने के लिए सरकारी सर्वर का इस्तेमाल किया था। बताया जाता है कि कुछ ईमेल में गोपनीय जानकारी थी। उनकी किसी भी समय कोर्ट में पेशी हो सकती है। फेडरल कोर्ट ने इसकी पुष्टि कर दी है। उनके करीबी सहयोगियों से पूछताछ की जा रही है। हिलेरी बता चुकी हैं कि उन्होंने विदेश मंत्री के कार्यकाल में ईमेल सर्वर का निजी इस्तेमाल करके कोई कानून नहीं तोड़ा है।

इस बीच विदेश मंत्रालय ने हिलेरी के खिलाफ अपनी जांच को रोक दिया था। उसका कहना था कि वह अपने स्तर पर तब जांच करेगा जब तक संघीय जांच ब्यूरो यानि एफबीआई अपना काम पूरा नहीं कर लेता। एफबीआई ने कार्रवाई करते हुए हिलेरी क्लिंटन का ई-मेल सर्वर जब्त कर लिया है। हिलेरी इसका पिछले काफी समय से इस्तेमाल कर रहीं थीं। तहकीकात की जा रही है कि हिलेरी के सर्वर की सुरक्षा का क्या इंतजाम था और क्या कोई गोपनीय सूचना आदान प्रदान तो नहीं की गई। अधिकारियों ने कहा कि हिलेरी से पूछताछ के लिए अभी तारीख तय नहीं की गई है।

चुनाव मैदान में एक योद्धा के रूप में डटीं हिलेरी क्लिंटन ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है कि विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने कुछ आधिकारिक प़त्रों के लिए सरकारी ईमेल की बजाय अपने न्यूयॉर्क स्थित घर में निजी सर्वर के जरिए निजी ईमेल का इस्तेमाल किया था। इसके लिए वह माफी भी मांग चुकी हैं। उनका कहना है कि मंत्रालय जब पूर्व विदेश मंत्री से रिकार्ड्स के बारे में पूछेगा तो वे और उनके वकील इसका फ़ैसला करेंगे कि किस ईमेल को कामकाज से जुड़ा माना जाए और किसे बाहर रखा जाए। 

राष्ट्रपति पद की रिपब्लिकन उम्मीदवारी के दावेदार डोनाल्ड ट्रम्प ने इस मामले में और आक्रामक रुख अपना लिया है। उन्होंने घोषणा कर दी है कि अगर वह राष्ट्रपति चुने गए तो हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ मुकदमा चलाएंगे। ट्रंप ने उन पर देश की गोपनीय सूचनाओं को खतरे में डालने का आरोप लगाया है। बिना कोई दिमाग लगाए ट्रंप को अपनी प्रतिद्वंदी के खिलाफ जोरदार मुद्दा मिल गया हे। हिलेरी इससे विचलित नहीं हैंं। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हुआ है। वह जानती हैं कि तथ्य क्या हैं। अमरीकी प्रतिनिधि सभा हिलेरी को जब यह सलाह दी कि वह अपना निजी सर्वर को छोड़ दें तो वे इसके लिए भी तैयार हो गईंं कि अपने सर्वर को जांच के लिए उचित अधिकारियों को सौंप सकती हैं।

अमरीका के क़ानून के मुताबिक़ आधिकारिक तौर पर हुआ पत्राचार अमेरिकी सरकार की संपत्ति माना जाता है। ख़ुफ़िया अधिकारियों के अनुसार ईमेल के 37 पेज ''स्पेशल एसेज़ प्रोग्राम'' से संबंधित थे। इनमें ड्रोन हमलों और ख़ुफ़िया जानकारी इकट्ठा करने से जुड़े कार्यक्रमों की जानकारियां थीं। व्हाइट हाउस भी मानता है कि हिलेरी क्लिंटन के असुरक्षित निजी सर्वर में एक दर्जन से ज़्यादा ईमेल ''टॉप सीक्रेट'' थे,लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने यह कह कर थोड़ा कम कर दिया है कि ये दस्तावेज़ जिस समय भेजे गए थे, उस समय गोपनीय नहीं थे।

बता दें कि नवंबर 2914 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने प्रेसिडेंशियल एंड फेडरल रिकार्डस एक्ट अमेंडमेंट्रस पर हस्ताक्ष्र किए थे। इस नए कानून के अनुसार सरकारी कर्मचारी यदि आॅफिस से अपने व्यक्तिगत ई मेल भेजते हैं तो उन्हें  20 दिन के अंदर सरकारी रिकार्ड में सारे पत्रों को फॉरवर्ड करना होगा। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उस पर विभागीय जुर्माना लगेगा न कि आपराधिक दृष्टि से।


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